मुख्यमंत्री कराएंगे इलाज : मध्य प्रदेश के साइट ने रीवा के एक परिवार के 5 सदस्यों का जर्मनी में इलाज की जिम्मेदारी ली गई है। 5 सदस्यों की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है।
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बीमारी के कारण इनके शरीर के कंकाल दिखने लगे हैं डिजीज का देश में इलाज नहीं है। इसके चलते इनका इलाज अब जर्मनी में होगा। एक परिवार में पिता, 3 बेटे और एक बेटी की मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है। बीमारी के कारण हर दिन उनकी मांसपेशियां जुड़ रही होती हैं। शरीर के कंकाल दिखने लगते हैं। जन्म के 10 साल बाद शुरू हुई इस बीमारी का देश में इलाज नहीं है। 2006 में बीमारी के शुरुआती लक्षण के समय ही बच्चों को उनकी नाना दिल्ली एम्स ले गए थे। एम्स के डॉक्टर्स ने रिसर्च पेपर तैयार कर अमेरिका भेजा है।
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रिपोर्ट आने के बाद जर्मनी और स्थिति में ही इलाज मिलने की सलाह दी। कांग्रेस से राज्यसभा सांसद ने भी इस परिवार की दिल्ली में जांच कराई। अब विधायक के पत्र में शिवराज सिंह चौहान ने पीड़ित परिवार से बात की। जर्मनी में इलाज की गारंटी दी जाएगी। परिवार त्योंथर जनपद के उसरगांव रहने वाला है। परिवार में 9 लोग हैं5 मस्कुलर डिस्ट्रॉफी की चपेट में हैं। स्टेम सेल थेरेपी के जरिए इस बीमारी का इलाज कुछ हद तक संभव है, लेकिन इसका खर्चा बहुत महंगा है। एक लाख रु. का एक इजेक्शन है। ऐसे 20 इंजेक्शन के मरीज हो जाते हैं।
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