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इस खबर में पढ़ें: ‘चाहे मरीज का निवास स्थान कहीं भी क्यों न हो, नागरिकों का इलाज करना होगा’: दिल्ली उच्च न्यायालय

दिल्ली हाई कोर्ट का ऐलान: देश की राजधानी में सरकारी अस्पताल में अब सभी नागरिकों का इलाज संभव है। चाहे उनका निवास स्थान कहीं भी रहे। इलाज के लिए ‘मतदाता पहचान-पत्र’ दिखने के लिए बहुत जबरदस्ती नहीं कर सकते। यह आदेश दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिया है। जस्टिस टैलेंट एम. सिंह ने बिहार के एक निवासी की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला लिया है।

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याचिकाकर्ता ने लगाया था गंभीर आरोप:
याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि राजधानी के सरकारी लोक नायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल ने केवल दिल्ली के निवासियों को मुफ्त एमआरआई जांच की सुविधा प्रदान की है। जिसके बाद दिल्ली सरकार ने अस्पताल द्वारा मरीजों के निवास स्थान के आधार पर कोई समझौता नहीं किया। जैसा कि याचिकाकर्ता आरोप लगाते हैं।

जिसके बाद दिल्ली ने कोर्ट में कहा कि मतदाता पहचान के पात्र के लिए ज्यादा नहीं दे सकते, एम्स या दिल्ली के किसी अन्य अस्पताल में आप किसी भी नागरिकों के उपचार से रोक नहीं सकते।

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