नई दिल्ली: अपनी जेब में पड़े कई रंग और शेप के बनावट के मोहरे को ध्यान से देखें। इसके अंदर एक तरफ महात्मा गांधी की तस्वीर के पास ही हाथ से लिखा हुआ तहरीर और उसके नीचे भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर छपाई के उन टुकड़ों को देश की आधिकारिक मुद्रा बनाते हैं, जिसकी खुद की सरकार रखती है। समय-समय पर नोटों का रंग और आकार बदलते हुए भी रिजर्व बैंक के गवर्नर के पद की प्रतिष्ठा और गरिमा अक्षरण बनी रही। इन दिनों यह जिम्मेदारी देश के अनुभवी अर्थशास्त्री शक्तिकांत दास संभाल रहे हैं, जिन्हें हाल ही में ‘गवर्नर ऑफ द ईयर’ सम्मान प्रदान किया गया है।
पीएम मोदी ने शक्तिकांत दास को दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शक्तिकांत दास साल 2023 के गवर्नर ऑफ द ईयर पुस्कार मिलने पर बधाई दी। मोदी ने एक ट्वीट में कहा कि यह देश के लिए अत्यंत गर्व का विषय है कि दास को इस पुस्कार से सम्मानित किया गया है। आर्थिक शोध पत्रिका सेंट्रल बैंकिंग ने 2018 से भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर पद संभाल रहे दास को यह अंतरराष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया है। उन्हें पहली बार सीबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को 2015 में पहली बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। सेंट्रल बैंक ने स्तंभन समय के दौरान स्थिर नेतृत्व देने के लिए दास की प्रशंसा की। उन्हंग ने अपने कार्यकाल में यूक्रेन युद्ध और मुद्रास्फीति के कई संकटों के वित्तीय बाजार के माध्यम सा कुशल संचालन के लिए अपने कार्यकाल की शुरुआत से इसे आगे बढ़ाया।
‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर, एशिया पैसिफिक’ को नंबर मिला है
वर्ष 2020 में ‘सेंट्रल बैंकर ऑफ द ईयर, एशिया पैसिफिक अवार्ड प्राप्त कर चुके शक्तिकांत दास का जन्म 26 फरवरी 1957 को हुआ। उनकी शिक्षा ओडिशा के भुवनेश्वर में डेमोंस्ट्रेशन मल्टीपरपज स्कूल में हुई। स्कूल शिक्षा करने के बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के संपूर्ण सेंट स्टीफेंस कॉलेज से इतिहास में बीए और एमए की डिग्री हासिल की। शिक्षा के क्षेत्र में उन्होंने 2021 में अगली उपलब्धि हासिल की, जब उन्हें उत्कल विश्वविद्यालय द्वारा डी’लिट डिग्री प्रदान की गई।
कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं दास
शक्तिकांत दास तमिलनाडु कैडर के 1980 के भारतीय जंपिंग सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी और अपने करियर के दौरान तमिलनाडु और केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण आर्थिक विशेषज्ञता से संबंधित जिम्मेदारियां प्रभावित करती हैं। इसमें आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, फर्टिलाइजर्स सचिव के अलावा वे वर्ल्ड बैंक, एडीबी, एंडीबी और अधीनस्थ अधिकारियों में भारत के अल्टरनेट गवर्नर की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने अलग-अलग चरणों में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ), जी20, ब्रिक्स, सार्क में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है।
रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर के तौर पर शक्तिकांत सिर्फ मुद्रा के धारक को अंकित मूल्य के बराबर राशि देने का वचन नहीं देते, उन्होंने ऐसी मुश्किल स्थिति में देश को छोड़ दिया है कि महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में प्रमुख द्वारा नामित अनुक्रमिक नीति से वैश्विक उद्योग में चाहे अधीनस्थ-पुथल मची हो, भारतीय उद्योग संगठन बना हुआ है और उम्मीद है कि यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख उद्योग उभर रही है।
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