उन्नाव बलात्कार मामले में सजा काट रहे पूर्व बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाई कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को जमानत दे दी है। सेंगर को 2017 में उन्नाव में एक नाबालिग उम्र से बलात्कार के आरोप में आधार कारावास की सजा सुनाई गई थी। जाम मुक्ता गुप्ता की पीठ ने यह कहते हुए जमानत दे दी कि सेंगर की बेटी की शादी का कार्यक्रम कुछ दिनों में पूरा हो जाएगा।
कुलदीप सिंह सेंगर ने बेटी की शादी में शामिल होने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत अर्जी पैर जमाने की थी। सेंगर के वकील ने कोर्ट से कहा कि शादी की तारीखें पुजारी की ओर से तय की जाती हैं। दाखिज अर्जी की ओर से सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने सेंगर की ओर से जमानत जमानत ली।
कोर्ट से 2 महीने की जमानत थी
कुलदीप सिंह सेंगर के वकील ने हाई कोर्ट को ये भी बताया था कि बेटी की शादी के लिए 18 जनवरी से शुरू हो कार्यक्रम 8 फरवरी तक चल रहा है। सेंगर ने अपनी बेटी की शादी को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट से दो महीने की जमानत याचिका दी थी। हाई कोर्ट ने 22 दिसंबर, 2022 को नोटिस जारी किया और सीबीआई को सेंगर के दावे के दावे के दावे करने और रिकॉर्ड पर पेश करने का निर्देश दिया।
रेप के मामले में ट्रायल कोर्ट के आदेश के खिलाफ कुलदीप सिंह सेंगर की याचिका हाई कोर्ट में उजागर हुई है, जिसमें उन्होंने कोर्ट के 16 दिसंबर, 2019 के फैसले को रद्द करते हुए राहत देने का फैसला किया, जिसमें उन्हें दोषी करार दिया गया था और 20 दिसंबर, 2019 के आदेश में उन्हें शेष जीवन तक कारावास की सजा सुनाई गई थी।
ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को आईपीसी की धारा 376 (2) सहित विभिन्न दायित्व के तहत आरोप लगाया था और उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। 5 अगस्त, 2019 को सुनवाई शुरू हुई, जब 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े सभी पांच मामलों को उन्नाव से दिल्ली नामांकन करने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने सोमवार के आधार पर सुनवाई की और इसे 45 दिनों के अंदर पूरा करने का निर्देश दिया था।