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लोकसभा का संग्राम, सारथी बनेगें “राम” पढ़िए रामायण वाले राम की चुनावी लीला..

UNITED NEWS OF ASIA. रामायण सीरियल के कुछ किरदारों ने अपनी लोकप्रियता के दम पर चुनाव जीता है. फिर चाहे वो टीवी की सीता यानी दीपिका चिखालिया और रावण यानी अरविंद त्रिवेदी हों या फिर हनुमान यानी दारा सिंह रहे हों. लेकिन अब वक्त बहुत बदल चुका है और देखना होगा कि इस बार टीवी की श्रीराम यानी अरुण गोविल के लिए मेरठ की सियासी जमीन कैसी रहने वाली है.

साल 1987. ये वो दौर था जब टीवी को रंगीन हुए कुछ ही साल हुए थे. प्रोड्यूसर और डायरेक्टर रामानंद सागर ने उस दौर में एक ऐसा धारावहिक लॉन्च किया जो कि सुपरहिट हो गया. सुपरहिट का पैमाना ऐसा कि आम लोगों ने उस सीरियल के किरदारों को भगवान मानना शुरू कर दिया. सीरियल भगवान राम पर था. रामानंद सागर की रामायण का एक-एक किरदार लोगों को आज भी याद है. इस टीवी सीरियल में भगवान राम का किरदार अरुण गोविल ने निभाया. न सिर्फ निभाया बल्कि ऐसी ख्याति पाई कि जहां वे जाते लोग उनके पैर छूते. कई घरों में लोग उन्हें असली राम समझकर उनका ही फोटो अपने मंदिर में रखते और पूजा करते.

इसके अलावा सुनील लहरी ने इस सीरियल में श्रीराम के भाई लक्ष्मण का किरदार निभाया था. वहीं भगवान राम की पत्नी सीता का किरदार दीपिका चिखालिया ने निभाया था. इसके अलावा उस दौर में रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने भी खूब लोकप्रियता बटोरी थी. इस रोल से उन्हें इस कदर सफलता मिली कि लोग उन्हें असलियत में रावण समझने लगे थे.

किसी और किरदार में जनता ने नहीं किया पसंद !

धारावहिक खत्म होने के बाद का आलम ऐसा था कि इन किरदारों को फिल्म और टीवी इंडस्ट्री में ज्यादा काम नहीं मिलता था. वजह थी कि दर्शकों के दिमाग में धारणा ऐसी थी कि वे किसी और किरदार में इन्हें देखना ही नहीं चाहते थे. लेकिन बदलते वक्त के साथ सभी कलाकारों ने अपनी अलग-अलग राहें चुनीं.

कुछ किरदारों ने अपनी लोकप्रियता का फायदा उसी दौर में उठाया और राजनीति में हाथ आजमाया. यह दांव सफल हुआ. टीवी की सीता यानी दीपिका चिखालिया और रावण यानी अरविंद त्रिवेदी ने 1991 में ही भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा था.

गुजरात से सांसद बने दो एक्टर

दीपिका चिखालिया गुजरात के वडोदरा (बड़ौदा) से जीतकर संसद पहुंची थीं. तो वहीं रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने गुजरात के साबरकांठा की सीट जीती थी. इसके अलावा रामायण में हनुमान का किरदार निभाने वाले दारा सिंह को भी BJP ने 2003 में राज्यसभा भेजा था. उस वक्त केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार थी और तभी वे राज्यसभा के जरिए संसद पहुंचे थे. हालांकि दारा सिंह और अरविंद त्रिवेदी का अब निधन हो चुका है.

25 साल की उम्र में सांसद बनीं दीपिका

जब दीपिका चिखालिया गुजरात से सांसद बनीं, उस वक्त उनकी उम्र महज 25 साल थी. उस वक्त उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज नेता रंजीत सिंह गायकवाड़ को हराया था. 1991 के चुनाव में दीपिका को 49.98 फीसदी वोट मिले थे. उन्होंने रंजीत सिंह गायकवाड को 50 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था. बाद में उन्होंने अपनी बेटी की देखभाल के लिए राजनीति छोड़ दी थी. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि चुनाव लड़ने के लिए कई पार्टियों से फोन आने के बावजूद उन्होंने भाजपा को चुना था. क्योंकि उनके दादा ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के लिए काम किया था.

जनता ने ‘रावण’ को चुना राजा

साल 2021 में लंकाधिपति ‘लंकेश’ या ‘रावण’ बनकर जनता के दिल में गहरी छाप छोड़ने वाले अरविंद त्रिवेदी का 82 की उम्र में निधन हो गया था. लेकिन आपको बता दें कि स्क्रीन पर रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी ने जब गुजरात के साबरकांठा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था, तब उनके कैंपेन का मुद्दा ‘राम मंदिर’ ही था. 90 के दशक की शुरुआत में यह मुद्दा अपने उरूज पर था. नतीजतन इस चुनाव में अरविंद त्रिवेदी की जीत हुई और सबसे दिलचस्प बात ये रही कि 1991 के चुनाव में अरविंद की टक्कर महात्मा गांधी के पोते राजमोहन गांधी से थी. एक ओर रामायण के रावण और दूसरी ओर महात्मा गांधी के पोते. दो दिग्गज शख्सियत के बीच जनता ने अरविंद को अपना राजा चुना और चुनाव में ‘रावण’ ने अपनी जीत दर्ज की. अरविंद को एक लाख 68 हजार वोट ज्यादा मिले थे. इसके बाद अगले लोकसभा चुनावों में अरविंक त्रिवेदी ने फिर उसी सीट से चुनाव लड़ा. लेकिन इस बार उनकी किस्मत इतनी मजबूत नहीं थी. 1996 के चुनाव में अरविंद को कांग्रेस की नि अमरसिंह चौधरी से शिकस्त मिली.

अब चुनावी मैदान में ‘राम’

ऐसा ही एक दौर यह 2024 का है. जहां कि टीवी पर राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल को इस चुनाव में भाजपा ने मेरठ से उतारा है. यहां गौर करने वाली बात यह है कि 33 साल पहले जब धारावाहिक रामायण की सीता दीपिका चिखालिया और रावण अरविंद तिवारी ने राजनीति में कदम रखा तो उन्हें जनता का खूब प्यार मिला था. लेकिन अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मेरठ की जनता टीवी के राम यानी अरुण गोविल को कितना प्यार देती है. वैसे तो भाजपा के लिए मेरठ लोकसभा क्षेत्र हमेशा से जिताऊ क्षेत्र रहा है. यहां से भाजपा लगातार 3 लोकसभा चुनाव जीतती आ रही है. इस बार उन्होंने BJP के मौजूदा सांसद राजेंद्र अग्रवाल की जगह ली है.

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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