
सांसद मेनका गांधी ने कहा कि रामकथा हमारे धर्म और शास्त्रों को उग्र रूप देती है। अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन बुधवार को सुल्तानपुर के बढ़ैयावीर में आयोजित श्री रामकथा महोत्सव एवं विष्णु महायज्ञ में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मेनका ने कहा कि रामकथा हमारे धर्म और शास्त्रों को जीवंत शत्रु है
सुल्तानपुर। पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता (भाजपा) के सांसद मेनका पार्टी ने कहा कि रामकथा हमारे धर्म और शास्त्रों को उग्र है। अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले दिन बुधवार को सुल्तानपुर के बढ़ैयावीर में आयोजित श्री रामकथा महोत्सव एवं विष्णु महायज्ञ में उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए मेनका ने कहा कि रामकथा हमारे धर्म और शास्त्रों को जीवंत शत्रु है।
उन्होंने कहा कि प्रभु श्रीराम एक राजा ही रह जाते हैं, अगर वह अपने जीवन में दो कार्य नहीं करते। यह स्पष्ट करते हुए मेनका ने कहा कि राम ने अपने पिता दशरथ और माता कैकई की बात बिना झिझक के निश्चय और खुशी-खुशी 14 साल के वनवास को स्वीकार किया, जिससे उसी दिन वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम बन गए। बीजेपी सांसद ने कहा, “श्रीराम ने 14 साल के वनवास के दौरान बहुत सारे लोगों की मदद की, जिससे उनकी प्रभुता बन गई और वे भगवान बन गए। ऐसे ही तो भगवान बने हैं।”
मेनका ने कहा, “हमारे बहुत से नौजवान हैं, जिन्हें हम पहचानते नहीं हैं, लेकिन वे अपने मां-बाप के बारे में मानकों और हर जीव की मदद करते हैं, उनमें से भी उनमें से प्रभुता है। मुझे पूरा यकीन है कि सुल्तानपुर में बहुत से लोग ऐसे होंगे.” भाजपा सांसद के प्रवक्ता विजय सिंह रघुवंशी ने बताया कि मेनका ने बृहस्पतिवार सुबह जनता दरबार में लोगों की राय को सुनकर उनका निस्तारण किया।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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