UNITED NEWS OF ASIA. नेमिष अग्रवाल, राजनांदगांव। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आज सतनाम भवन में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 12 जोड़ों का विवाह सम्पन्न हुआ। इस आयोजन में कुल 9 हिंदू और 3 बौद्ध समाज के जोड़े शामिल थे, जिन्हें विवाह की पवित्र रस्मों से जोड़ने के साथ-साथ उन्हें समृद्धि और खुशहाल जीवन की शुभकामनाएँ भी दी गईं। सामूहिक विवाह कार्यक्रम का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को सहायता प्रदान करना और उनके लिए एक सुनहरा भविष्य सुनिश्चित करना था।
सामूहिक विवाह का महत्व
सामूहिक विवाह समाज में सामाजिक एकता और सहयोग को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह आयोजन विशेष रूप से उन परिवारों के लिए महत्वपूर्ण है जिनके पास अपनी बेटी की शादी के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं होते। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भाग लेने वाले दूल्हा-दुल्हन को हर संभव सहायता प्रदान की गई, ताकि वे अपने नए जीवन की शुरुआत अच्छी तरह से कर सकें।
उपहारों का वितरण
सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दौरान हर जोड़े को कुल ₹50,000 का उपहार दिया गया, जिसमें ₹35,000 का चेक और ₹15,000 का गृहस्थी और श्रृंगार का सामान शामिल था। यह उपहार परिवारों की आर्थिक स्थिति को सशक्त करने के उद्देश्य से प्रदान किया गया। इस सहायता से न केवल दूल्हा-दुल्हन को विवाह के बाद अपनी नई गृहस्थी की शुरुआत में मदद मिली, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया गया कि वे समाज में सम्मान से अपनी जगह बना सकें।
हिंदू और बौद्ध रीति रिवाज
इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में 9 जोड़ों का विवाह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार किया गया, जिसमें फेरे, अग्नि के चारों ओर परिक्रमा, और अन्य पारंपरिक संस्कार शामिल थे। वहीं, तीन जोड़ों का विवाह बौद्ध रीति-रिवाजों के अनुसार सम्पन्न हुआ, जिसमें बौद्ध धर्म के अनुरूप पूजा और मंत्रोच्चारण किए गए। दोनों धर्मों के जोड़ों के लिए उनके सांस्कृतिक और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन किया गया, जिससे उनके विवाह को आधिकारिक रूप से मान्यता मिली।
महिला और बाल विकास विभाग की सराहनीय पहल
महिला एवं बाल विकास विभाग के इस पहल को समाज में बहुत ही सराहा जा रहा है। विभाग द्वारा इस प्रकार के आयोजनों का उद्देश्य सामाजिक समानता को बढ़ावा देना और गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों को सम्मान और सहायता प्रदान करना है। यह पहल निश्चित रूप से उन परिवारों के लिए एक नई उम्मीद और जीवन में सकारात्मक बदलाव का कारण बनेगी, जो विवाह के खर्चे के बोझ तले दबे हुए हैं।
दुल्हन और दूल्हे की प्रतिक्रिया
सामूहिक विवाह कार्यक्रम में भाग लेने वाले दूल्हा-दुल्हन ने इस पहल के लिए प्रशासन का धन्यवाद किया और कहा कि इस विवाह के आयोजन ने उनके जीवन को नया दिशा दिया है। उन्होंने बताया कि उपहार स्वरूप मिलने वाली राशि और सामान उनकी गृहस्थी के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। दुल्हनों ने विशेष रूप से गृहस्थी के सामान को लेकर आभार व्यक्त किया, क्योंकि इससे उनकी शादी के बाद घर में जरूरी चीजों की खरीदारी करने में मदद मिलेगी।
समाज में सामूहिक विवाह का प्रभाव
सामूहिक विवाह कार्यक्रम न केवल विवाहों को सस्ता और सरल बनाता है, बल्कि यह समाज में सामूहिकता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा देता है। यह आयोजन यह संदेश देता है कि समाज के सभी वर्गों को समान अवसर मिलना चाहिए, और कोई भी परिवार अपनी बेटी के विवाह के लिए आर्थिक रूप से परेशान नहीं होना चाहिए।महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का एक बड़ा कदम है, जो सामाजिक और सांस्कृतिक धारा को एक नई दिशा देने का काम कर रहा है। यह पहल गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए एक नई आशा का स्रोत बन चुकी है।