लेटेस्ट न्यूज़

रजत शर्मा का ब्लॉग दिवस दो ऑस्कर की खुशी मनाने के लिए|

छवि स्रोत: इंडिया टीवी
इंडिया टीवी के पहलू एवं-इन-चीफ रजत शर्मा।

सोमवार का दिन भारतीयों के लिए खुशियों से भरा रहा। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री को दो ऑस्कर मिले। पहला सर्वश्रेष्ठ ओरिजिनल गीत का पुरस्कार ‘नाटू-नाटू’ को मिला, जबकि दूसरा शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ को मिला। ‘नाटू-नाटू’ गाना मूल रूप से तेलुगू में है और इसे एस.एस. किंगमौली की फिल्म ‘आरआरआर’ के लिए बनाई गई है। इस गाने के संगीतकार एम.एम. किरवानी। ऑस्कर अवार्ड समारोह में इस गाने का बोल भी हुआ। फिल्म स्टार दीपिका पादुकोण ने अपनी दस्तावेजों का मंच से ऐलान किया। अपने बेहतरीन संगीत और डांस से इस गाने ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं कार्तिकी गोंजाल्विस द्वारा निर्देशित और गुनीत मोंगा द्वारा निर्मित शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ ने भी ऑस्कर अवार्ड जीता। इस फिल्म में एक ऐसे आदिवासी परिवार का चित्रण किया गया है जिसमें तमिलनाडु के अभयारण्य में हाथियों के दो अनाथ बच्चों को गोद लिया था।

जुड़वाँ ऑस्कर ठेकेदारों द्वारा पहली बार भारतीय फिल्म समझौता पर बधाइयों का तांता लगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फिल्म से जुड़ी सभी लगातार जीतने वालों को बधाई दी। ‘नाटू-नाटू’ गाने के लिए और ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स’ के लिए ऑस्कर प्राप्तकर्ता हर भारतीय के लिए गर्व की बात है। ऑस्कर पूरी दुनिया में फिल्म की सबसे बड़ी और सबसे प्रतिष्ठित फिल्म है। अब न तो इस बात के लिए रोना चाहिए कि अब तक हमारी फिल्मों को ये नोटिस क्यों नहीं मिला और ना ही इस बात को लेकर माथा पीटना चाहिए कि अमेरिका में नोटिस को हम इतना महत्व क्यों दे रहे हैं? ‘नाटू नाटू’ का मतलब है ‘नाचो नाचो…’ और डायरेक्ट में फिल्म इंडस्ट्री के लिए खुशी से नाचने का दिन है। ‘नाटू-नाटू’ गाने में एक गठबंधन है, एक्शन है, कोरियोग्राफी है। रामचरण और जूनियर एनमिशन के स्टेप्स पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो गए हैं। ये कोई छोटी बात नहीं है कि सभी आकाशगंगा में इसके वर्जन को मिला दिया जाए तो अब तक पूरी दुनिया में बीस करोड़ से ज्यादा लोग इस गाने को पसंद कर चुके हैं। हमें तो इस बात पर खुश होना चाहिए कि संगीत, नृत्य, सुर की और ताल की कोई सीमा नहीं होती। यह एक बार फिर साबित हो गया।

संसद में रोक

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में पिछले दो दिनों से अटका जा रहा है। पहले दिन कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने अडानी मामले में जेपीसी जांच की मांग करते हुए कार्यवाही रोक दी, लेकिन बीजेपी ने लोकतंत्र के मुद्दों पर भारत को बदनाम करने के लिए राहुल गांधी से बिना शर्त जोक की मांग की। मुझे लगता है कि यह बात राहुल गांधी भी जानते हैं कि भारत में डेमोक्रेसी पूरी तरह से कायम है। देश की जनता भी बताती है कि यहां किसी के बोलने पर ना तो कोई पाबंदी है और ना कोई पाबंदी लगा सकता है। 1975 में इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी खुलने की आजादी पर रोक लगाई थी, उसका नतीजा पूरी दुनिया ने देखा। 1977 के चुनाव में जनता ने आपातकाल लगाया, तानाशाही रोकने वाली सरकार को बहाना फेंका था। इसलिए अब कोई भी नेता कभी भी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, बोलने की स्वतंत्रता को सीमित करने की हिम्मत नहीं करेगा। लंदन में राहुल गांधी ने यह बात स्वदेशी बड़ी राजनीतिक गलती की है कि भारत में लोकतंत्र में तबाही है। उन्होंने बीजेपी को एक अच्छा खासा मेल दिया, जिसके आधार पर बीजेपी आसानी से कांग्रेस को रिकॉर्ड कर सकती है।

कांग्रेस के नेताओं ने दूसरे भाजपा नेताओं के साथ मिलकर अडानी के सवाल पर सरकार को बचाने की मुद्रा में ला दिया था, पर राहुल ने मौका दिया और बीजेपी ने पलटवार किया। अब कांग्रेस की मुद्रा में है। बाकी खुले नेता खुले मन से राहुल के लोकतंत्र वाले बयानों का समर्थन कर रहे हैं। और कांग्रेस भी किसी तरह अडानी वाले मुद्दों को जिंदा रखने की कोशिश में लगी है। कांग्रेस, नरेंद्र मोदी के खिलाफ माहौल बनाने की पूरी कोशिश कर रही है और विरोधी दलों के तौर पर यह उसकी देनदारी भी है। अडानी को लेकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी को लेकर घोर अड़ंगा लगा रहा है लेकिन अडानी पर इन बातों का कोई असर नहीं हुआ। अकेले अडानी ग्रुप्स के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली। अडानी ने रविवार को ऐलान किया कि उन्होंने 2.65 बिलियन डॉलर का लोन चुका दिया है। इसका असर यह हुआ कि अडानी के अजीब तरह के रूख में बदलाव आया और अडानी के स्टॉक्स में रौनक दी।

दरवाजा को झटका

इन दिनों संकट से गुजर रहे बीजेपी (ठाकरे ग्रुप) के मुखिया ठाकरे को सोमवार को एक और झटका लगा। उडौड़ो के करीबी सुभाष देसाई के बेटे भूषण देसाई ने एकनाथ शिंदे के बीजेपी का दामन थाम लिया। सुभाष देसाई की हैसियत इस वक्त वाई-फाई श्वास नली में नंबर दो की है। उडौड़ा, सुभाष देसाई की सलाह को तवज्जो देते हैं इसलिए सुभाष देसाई के बेटे के एकनाथ शिंदे के साथ जाना हवाई यात्रा के लिए बड़ा झटका है। अब आदित्य यह कहते हैं कि भूषण देसाई से कोई लेना-देना नहीं हैं, भूषण देसाई पर पहले से भ्रष्टाचार का इल्जाम है तो ये बातें बेमिसाल हैं। अगर भूषण देसाई ने घोटाला किया है तो अब तक उसे पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया? इस मामले में सुभाष देसाई का बयान भी आया है। सुभाष देसाई का कहना है कि उनका बेटा सक्रिय राजनीति में नहीं था इसलिए वो किस पार्टी में जाता है इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन इतना पक्का है कि ठाकरे परिवार के साथ उनकी निष्ठा है और बनी रहेगी।

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 13 मार्च, 2023 का पूरा एपिसोड

नवीनतम भारत समाचार

function loadFacebookScript(){
!function (f, b, e, v, n, t, s) {
if (f.fbq)
return;
n = f.fbq = function () {
n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments);
};
if (!f._fbq)
f._fbq = n;
n.push = n;
n.loaded = !0;
n.version = ‘2.0’;
n.queue = [];
t = b.createElement(e);
t.async = !0;
t.src = v;
s = b.getElementsByTagName(e)[0];
s.parentNode.insertBefore(t, s);
}(window, document, ‘script’, ‘//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’);
fbq(‘init’, ‘1684841475119151’);
fbq(‘track’, “PageView”);
}

window.addEventListener(‘load’, (event) => {
setTimeout(function(){
loadFacebookScript();
}, 7000);
});

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page