लेटेस्ट न्यूज़

रजत शर्मा ब्लॉग: योगी ने पूरा किया अपना वादा, अतीक के बेटे, साथी की हत्या | योगी ने पूरा किया वादा, अतीक का बेटा और हुए ढेर

छवि स्रोत: इंडिया टीवी
इंडिया टीवी के पहलू एवं-इन-चीफ रजत शर्मा।

उत्तर प्रदेश के झांसी में गुरुवार को यूपी एसटीएफ की टीम ने अतीक अहमद के बेटे असद और उसके शूटर की मौत हो गई। यह सूबे की सियासत में एक बड़ी घटना है। छह साल पहले तक आपस में गठजोड़ घूमते हुए घूमते थे। जिस समय नौ लोग हुए, उसी समय प्रयागराज की एक अदालत अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की रिमांड अर्जियों पर सुनवाई कर रही थी। अतीक अहमद अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर कोर्ट रूम में रो पड़ा। 2005 में बीएसपी विधायक राजू पाल की हत्या हुई थी, और इसी मामले में मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या इस साल 24 फरवरी को हुई थी। उसके बाद दोनों मुख्य दशक और दास पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में नाराजगी में कहा था कि ‘पूरे गैंग को मिट्टी में मिल गया।’ योगी ने अपना वादा पूरा किया। झांसी एनकाउंटर में दोनों बदमाशों को मार गिराया गया यूपी एसटीएफ की टीम के नेतृत्व में दो डीएसपी, नवेंदु और विमल कर रहे थे। माफिया गुटों के खिलाफ यूपी के नंबर योगी आदित्यनाथ का ऐलान-ए-जंग का काफी असर हुआ। यूपी में बड़े आपराधिक मामले अब चल रहे हैं। दो दिन पहले योगी ने कहा था कि उत्तर प्रदेश में घुसते ही अब बड़े से बड़े माफिया की चपेट में आ जाता है। गुजरात की जेल से प्रयागराज का दृश्य घंटों अतीक ने रिपोर्टरों से कहा कि योगी ने ‘माफियागिरी’ खत्म कर दी, और सब मिट्टी में मिला दिया। अब तक अकेले अतीक अहमद की करीब 11 करोड़ रुपये की संपत्ति या तो ज़ब्त हो चुकी है, या उस पर बुलडोजर चल रहा है। उत्तर प्रदेश में 2 बड़े माफिया गुट थे, जिनके सरगना थे, अतीक अहमद और मुखिया अंसारी। छह साल पहले जब योगी आदित्यनाथ की सरकार आई थी, तब तक ये दोनों रजिस्टर कानूनी दलालों का इस्तेमाल करते हुए दूसरे राज्यों के जेल में जुड़ गए थे। योगी दोनों को उत्तर प्रदेश ले कर आए। जेल में दोनों के लिए जो आपूर्ति की गई थी, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की गई और अब दोनों का पूरा कुनबा जेल है। ये सारा साम्राज्य समाप्त हो गया है। सिर्फ अतीक और मुख्तार के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई, बल्कि योगी ने माफिया के करीब 15000 करोड़ रुपये की संपत्ति को ज़ब्त किया है। अतीक अहमद जैसे अपराधी जो पहले कहते थे कि ‘डर कहे का’, अब वे कह रहे हैं कि बाबा ने पूरे खानदान को मिट्टी में मिला दिया और ‘अब रोँसाई कर रहे हैं।’ जब माफिया इस तरह से डरे दिखने लगते हैं तो आम लोगों में कानून की प्रतिपूर्ति बढ़ती जा रही है। यह योगी की बड़ी उपलब्धि है।

गहलोत को मोदी की गुगली

बुधवार को ऑल-जयपुर-दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सियासी उठापटक और संकट में भा होने के बावजूद कार्यक्रम में शामिल होने और ‘विकास के लिए समय निकालने के लिए राजस्थान’ शुरू किया के अशोक गहलोत की मेहनत की। गहलोत दाने राजस्थान के लिए रेलवे से जुड़ी कुछ मांगें रखी गई थीं, इस तरफ इशारा करते हुए मोदी ने कहा, ‘जो काम की आजादी के तुरंत बाद होना चाहिए था, अब तक नहीं मिला, लेकिन आपकी मुझ पर इतनी गारंटी है, इतनी गारंटी है कि आज वो काम भी आपने मेरे सामने रख दिए हैं। आप का यह विश्राम है, यही मित्रा की उत्तम शक्तियां हैं। और एक मित्र के रिश्तेदार आप जो गारंटी रखते हैं उसके लिए मैं आपका बहुत आनंद व्‍यक्‍त करता हूं।’ मोदी ने कहा कि आजादी के बाद रेल मंत्री के चुनाव से नई ट्रेन की घोषणा और यहां तक ​​कि भर्ती में भी राजनीतिक स्वार्थ हावी हो रहा है। उन्होंने कहा कि रेलवे में नौकरी देने के रास्ते जमीन पर आ गए। आज गहलोत जी के दो-दो हाथ में लड्डू हैं। रेल मंत्री (अश्विनी वैष्णव) राजस्थान के हैं और रेलवे बोर्ड के खाते भी राजस्थान के हैं। गहलोत को समझ में ही नहीं आया कि वह मोदी की बात पर रोजी कायमें या फिर इस बात की चिंता करें कि इसका असर क्या होगा। गहलोत जानते हैं कि मोदी की चिंताएं गंभीर हो सकती हैं और राहुल गांधी नाराज हो सकते हैं। इसलिए गहलोत ने प्रोग्राम के तुरंत बाद ट्विटर पर एक बयान जारी कर कहा, ‘मुझे दुख है कि आज मेरी मौजूदगी में आपने 2014 से पहले के सभी रेल मंत्री के खाते को भ्रष्टाचार और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित बताया। आज आधुनिक तकनीकें चल रही हैं क्योंकि डॉक्टर मनमोहन सिंह जी ने वित्त मंत्री के रूप में 1991 में आर्थिक उदारीकरण और नई तकनीक को भारत में विकसित होने का अवसर दिया। आज आपका भाषण 2023-24 की विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों को देखते हुए दिया गया है एवं यह बीजेपी के चुनावी एजेंडे के रूप में था।’ वे जिन रेल मंत्री के नाम अपने बयानों में उनके नाम मोदी के लिए नहीं थे, और जिनू यादव ने भ्रष्टाचार के प्रचार के मोदी ने उल्लेख किया था कि उनका नाम गहलोत ने नहीं लिया। संयोग से, ईडी ने बुधवार को दिल्ली में लालू के बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से ‘नौकरी के लिए जमीन’ घोटाले में पूछताछ की। गहलोत को इन सभी चीजों से कोई परेशानी नहीं है। वह तो बस इतना चाहते हैं कि मोदी ने अपनी जो उम्मीद की, दोस्त कहा, उसका कोई गलत मतलब न निकाला। कांग्रेस में शामिल राहुल गांधी किसी को भी यह कहने में देर नहीं लगती कि तुम मोदी के आदमी हो। सचिन पायलट वैसे भी आजकल गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोलकर बैठे हैं। वह दिल्ली में राहुल गांधी से मिलने का इंतजार कर रहे हैं। जाहिर है, गहलोत फुंक फुंक कर कदम रखना चाहते हैं।

विपक्षी एकता: निवर्तमान, राहुल और आवरण
बिहार का शेड्यूल नीकु कुमार उन्होंने अपने डिप्टी तेजस्वी यादव और अन्य नेताओं के साथ बुधवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी और कांग्रेस के अन्य नेताओं की बैठक की। खड़गे ने ‘ऐतिहासिक’ बैठक को लेकर कहा कि विरोधी दल अगले साल होने वाले चुनाव को लेकर एकजुट होंगे। राहुल गांधी ने कहा कि विरोधी पक्ष एकता की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है और कांग्रेस इस वैचारिक लड़ाई में सभी दलों के साथ है। इसके बाद आप के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से भी मिलते हैं। बाद में, अकबर ने एक अच्छी शुरुआत करने के लिए नौकरी की कोशिश की और कहा, ‘हम इस पर साथ हैं और जिस तरह की चीजें आगे बढ़ रही हैं, हमें अच्छा लग रहा है।’ विरोधी पक्षों की बात को सुनने में जितना पक्की लगता है, वास्तव में उतना ही बना देता है। यह सही है कि ये सारे नेता आजकल ED और CBI के सताए हुए हैं। ईडी और आरोपी के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय के हस्तक्षेप की मांग करते हुए 14 विपक्षी दलों ने एक संयुक्त याचिका पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन उच्च न्यायालय ने यह कहते हुए उन्हें बैरंग लौटा दिया था कि ‘राजनेता कानून और गिरफ्तारी से छूट के अधीन’ स्पेशल बर्ताव की मांग नहीं कर सकते।’ हमने देखा कि कैसे अडानी विवाद को लेकर जेपीसी की मांगों के मुद्दों पर भी विपक्षी एकता नजर आई थी, लेकिन पिछले हफ्ते एनसीपी सुप्रीमो शरद ने इस पर पलीता लगा दी। बाद में पवार ‘विपक्षी एकता के लिए’ जेपीसी की मांग का विरोध न करने पर सहमत हुए। इसी तरह, सावरकर के सवाल पर राहुल गांधी के विचार से न शरद असहमत हैं और न ही हवाई कदम। वहीं, संजय राउत भले ही कहते रहें कि कांग्रेस, बीजेपी (उद्धव) और NCP का महा विकास अघाड़ी फेविकोल का जोड़ है, टूटेगा नहीं, लेकिन अजीत पवार के अंक एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने की खबरों ने फेविकोल के इस जोड़ पर पानी डाल दिया है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बातरजत शर्मा के साथ’ 12 अप्रैल, 2023 का पूरा एपिसोड

नवीनतम भारत समाचार

function loadFacebookScript(){
!function (f, b, e, v, n, t, s) {
if (f.fbq)
return;
n = f.fbq = function () {
n.callMethod ? n.callMethod.apply(n, arguments) : n.queue.push(arguments);
};
if (!f._fbq)
f._fbq = n;
n.push = n;
n.loaded = !0;
n.version = ‘2.0’;
n.queue = [];
t = b.createElement(e);
t.async = !0;
t.src = v;
s = b.getElementsByTagName(e)[0];
s.parentNode.insertBefore(t, s);
}(window, document, ‘script’, ‘//connect.facebook.net/en_US/fbevents.js’);
fbq(‘init’, ‘1684841475119151’);
fbq(‘track’, “PageView”);
}

window.addEventListener(‘load’, (event) => {
setTimeout(function(){
loadFacebookScript();
}, 7000);
});

Show More

Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
Back to top button

You cannot copy content of this page