पाकिस्तान के लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। यहां की आधी-अधूरी रोटी नहीं मिल रही है। संकट की व्यापकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यहां घोटाले की लूट मची है। सब्सिडी वाले अनाज की दुकानों के बाहर लंबी कतारें दिखाई दे रही हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में आटे के चक्कर में भगदड़ हुआ, हाथापाई और इससे कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। सिंध के शहीद बेनजीराबाद जिले के सकरंद कस्बे में एक आटा चक्की के बाहर भगदड़ मच गया, जिससे तीन महिलाओं की मौत हो गई।
सिंध के मीरपुर में विशेष जिले में संकुचित से भरी बोरी ले जा रहे भोजन विभाग के ट्रक के पास भगदड़ मच गया। इस भीड़ और भगदड़ में एक मजदूर कुचला गया। पाकिस्तान के पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में लोग अल्पसंख्यक के लिए लाट हैं। ज्यादातर लोग काम पर जाने के बजाय आटा लेने के लिए लंबी लाइन में लगे रहते हैं।
मंगलवार की रात अपने प्राइमटाइम शो ‘आज की बात’ में हमने आपको ब्लूचिस्तान में एक आटा चक्की के बाहर लंबी कड़ियाँ और सिकुड़न की बोरियाँ ले जा रहे ट्रकों के पीछे भागते लोगों के दृश्य दिखाए। यहां लोग खुले ट्रकों से घोटाले की ठगी कर रहे हैं, जिसके कारण आप में हाथापाई और नुकसान हो रहा है।
हमने आपको सिंध प्रांत के सक्खर का दृश्य दिखाया है जहां लोगों ने एक व्यक्ति से काफी की लिया। वह शख्स अपने बच्चों की जान बचाने की गुहार लगा रहा है लेकिन किसी ने उसकी अर्जी नहीं सुनी। लोग पूरी तरह से रो रहे हैं और इस संकट के लिए सरकार को दोषी ठहरा रहे हैं। कराची में आटा 140 रुपये से 160 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है, जबकि फ्रीकर और पेशावर में 10 किलो आटा 1500 रुपये और 20 किलो आटा 2800 रुपये में बिक रहा है।
पंजाब में मिल मालिक 160 रुपए किलो के भाव से आटा-बिक्री कर रहे हैं। खैबर पख्तूनख्वा में 20 किलो के एक बैग की कीमत 3,100 रुपये तक पहुंच गई है, जबकि बलूचिस्तान में सिकुड़न की कीमत 200 रुपये प्रति किलो हो गई है। सरकारी समझौता पर समझौता जोड़ों की कोशिश तो कर रही है लेकिन यह समुद्र में एक चक्कर की तरह नजर आ रहा है। लोग माउस हैं और 200 रुपये किलो भी देने को तैयार हैं।
हताशा और परेशान लोगों की जकड़न और आटा मिलों की सुरक्षा के लिए लथपथ से लथपथ नई लाइन लगाई गई है। पेशावर में एक शक की बोरियां ले जा रहे हैं एक ट्रक के आगे सड़क पर। वह संदिग्ध चाह रहा था। वह सूचना से कह रहा था कि अगर वह उसे थप्पड़ नहीं देगा तो जान दे। वह कह रहा था, ‘हम ईद मनाएंगे, हमें आटा नहीं पीटना चाहिए, हमारे शरीर पर चढ़ा दो। हम जिंदा नहीं रहना चाहते हैं और देरी के लिए लाइन में नहीं आना चाहते हैं। हम आज भी यादगार हैं।’
एक महिला ने कहा, ‘हमारा परिवार पिछले तीन दिनों से भूखा है। मैं रोटी बनाने के लिए 50 रुपये से 100 रुपये आटा खरीद रहा था। मैं अपने बच्चों को कैसे बचाऊं?’ क्वेटा, मुल्तान, झांग, सियालकोट, मीरपुर विशेष, हैदराबाद या वजीराबाद में हर जगह एक जैसे हालात हैं। हर तरफ लोगों की लंबी संगति हैं।
पाकिस्तान पिछले कुछ सप्ताहों में कमजोरियों की कीमत की दोहरीकरण और तिगुनी हुई है। 10 सट्टे के बैग के लिए लोग 20 से 24 घंटे के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर रुकते हैं। मिल मालिक कमजोर की कमी के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं जबकि प्रांतीय सरकार संकट के लिए प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की सरकार को जिम्मेदार जिम्मेदार बना रहे हैं। दरअसल, पाकिस्तान में पिछले कई सालों से गेहूं का उत्पादन हो रहा है। व्हीटहीट का दस्तावेज हो रहा है, लेकिन सरकारी दुर्घटना से दस्तावेज नहीं पा रहे हैं।
नवाज सरफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) और बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी इस संकट के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहरा रही है। ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के बन्नू शहर में एक डॉक्टर ने समझौते की कमी का विरोध करते हुए एक घेरे पर फ़िक़ते को बंद कर लिया। डॉक्टर ने कहा कि हुकूमत किसी की भी हो, अवाम हर सरकार के दौर में लुटती आई है।
पाकिस्तान के विदेशी दुकानदार तेजी से घट रहे हैं। उसके पास केवल 6.7 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा विक्रेता है। बाहर से आने वाले पासपोर्ट का भुगतान करने के लिए मुश्किल से एक सप्ताह का विदेशी देश पाकिस्तान के पास सुरक्षित है। भारत के सबसे अमीर बिजनेसमैन गौतम अडानी के पास पाकिस्तान के रिजर्व से 22 गुना अधिक संपत्ति है। मुकेश अंबानी की संपत्ति पाकिस्तान की विदेशी मुद्रा विक्रेता से 15 गुना अधिक है। यहां तक कि पाकिस्तान के सबसे सस्ते सहयोगी चीन ने भी आर्थिक मदद देने से इनकार कर दिया है।
सऊदी अरब और कुछ अन्य देश पहले ही कर्ज चुका चुके हैं, लेकिन पाकिस्तान के पास किस्त चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं। बुधवार को वित्त मंत्री इशाक डार ने खुलासा किया कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आयोजित जिनेवा सम्मेलन में बाढ़ प्रभावित पाकिस्तान के लिए 10 अरब डॉलर की मदद का करीब 90 प्रतिशत हिस्सा परियोजना ऋण के रूप में है, जो अगले तीन वर्षों के लिए रोलओवर किया जाएगा । जिस वक्त डार यह ऐलान कर रहे थे उस वक्त के पीएम शाहबाज शरीफ भी उनके पास बैठे थे। डार ने कहा कि 8.7 अरब डॉलर की मदद लोन के रूप में है।
पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल सैयद आसिम मुनीर ने पिछले दो दिनों में सऊदी अरब के प्रिंस सलमान और स्थिति के राष्ट्रपति से मुलाकात करने के लिए उन्हें चुना, लेकिन किसी तरह का कोई ऐलान नहीं हुआ। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के किसी नेता के घर में संकुचित की कमी नहीं है। सबके घर में तंदूरी परांठों के साथ चिकन मटन और बिरयानी के दावे हो रहे हैं और पाकिस्तान के अवाम भूख से मर रहे हैं।
पाकिस्तान के लोगों की परेशानी और उनकी पीड़ा को देखकर दुख होता है। उनकी इस हालत के लिए कोई और खुद नहीं पाकिस्तान की सरकारें, वहां की सियासी पार्टियां और पाकिस्तान के अतिक्रमण इसके लिए जिम्मेदार हैं। जबसे पाकिस्तान बना है तब से वहां की सरकार ने बुनियादी ढांचा बनाने के लिए हथियार बनाने पर जोर दिया। लोक कल्याण पर खर्च करने के लिए धब्बे और दागों पर पैसा खर्च किया।
मैं कुछ आंकड़े देख रहा था जो हैरान करने वाले थे। पाकिस्तान की सरकार शिक्षा पर जितना खर्च करती है उससे छह गुना ज्यादा पैसा अपने खर्च पर खर्च करती है। पाकिस्तान में फ़ैक्टरी व्यवसायी दावेदार नहीं हैं बल्कि दाग़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़़ फौजी जनरलों के पास हजारों एकड़ जमीन है। पाकिस्तान का सारा पैसा या तो लीडर्स के पास है…या फौजी अफसरों के पास। इस पूरे संकट की जड़ यही है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 10 जनवरी, 2023 का पूरा एपिसोड