
इंडिया टीवी के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।
अगले साल होने वाली लोकसभा चुनावों में जीत की हैट्रिक के अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को अपनी पार्टी के मामले में मुस्लिम, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों से संवाद किया और सुनिश्चित करने का आह्वान किया कि कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हाशिये पर समुदायों के हर घर तक पहुंच गए।
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संदेश देते हुए मोदी ने पार्टी अकाउंट से कहा कि वे आत्मसंतुष्टि और अतिआत्मविश्वास से बचें। उन्होंने अभ्यर्थी को बताया कि कैसे वे पूरे देश में अल्पसंख्यक, और निवासी से मुस्लिम के साथ बातचीत शुरू करें।
मोदी ने कहा, ‘हमें रविवार को सामूहिक सभाओं के दौरान चर्च बातचीत करनी चाहिए। इसी तरह हमें सिख समुदाय तक चौकियां दी जाती हैं। अयोध्या में राम मंदिर बनाने का हमारा उद्देश्य पूरा हो गया है, लेकिन हमें यह भी आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता है कि क्या हम संत रविदास और महर्षि वाल्मीकि के मंदिर में गए हैं? हमें रविदास जयंती और वाल्मीकि जयंती मनानी चाहिए और हैशिये पर जनता समुदायों और पेरिटेज के साथ मजबूत संबंध बनाना चाहिए। हमें पसमांदा मुस्लिम (दलित और पिछड़े मुस्लिम), बोहरा समुदाय, मुस्लिम व्यवसायी और पढ़े-लिखे मुस्लिमों से हटना चाहिए और उन्हें हमारे कल्याणकारी के बारे में बताना चाहिए।’
मोदी ने मुस्लिम के साथ ‘भरोसे का रिश्ता’ बनाने पर भी बात की। उन्होंने कहा, भाजपा के खाते को लेकर उन मुस्लिमों को परेशान नहीं होना चाहिए जो आम तौर पर पार्टी को नहीं देते हैं और वे कई राज्यों में पसमांदा मुस्लिम तक पार्टी की पहुंच की मिसाल दी। प्रधानमंत्री ने अपनी पार्टी के लोगों को मुस्लिम समुदाय के बारे में ऐसी गैर-जरूरी बयानबाजी से बचने की सलाह दी, जिससे समाज में दूरियां बढ़ती जा रही हैं।
जैसा कि माना जा रहा था, राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने वर्तमान पार्टी अध्यक्ष जे. प. नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ा। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और जे. प. नड्डा के नेतृत्व में, बीजेपी 2024 से भी बड़ी जीत हासिल करेगी और मोदी जी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।’
यह पहली बार नहीं है जब मोदी ने मुसलमानों के पास जाने और बेवजह बयानों से बचने का निर्देश दिया है। मोदी यह बात 2014 से कह रहे हैं। ‘आप की’ अदालत में उन्होंने कहा था कि वह चाहते हैं कि मुस्लिम के एक हाथ में अगर कुरान है तो दूसरे हाथ में कंप्यूटर हो। मोदी ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ और ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ की बात हमेशा कहते रहे हैं। उन्होंने गोहत्या के खिलाफ लिंचिंग करने वालों को भी अपराधी बताया था। तीन तलाक और हलाला जैसी परंपराओं के खिलाफ कदमों से मोदी को मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिला है।
मोदी ने जिस तरह से अपनी पार्टी के मामले में मुस्लिम मुस्लिम के मन में बीजेपी के प्रति स्थिति होने की संभावना को दूर करने की बात की है, उससे यह साफ है कि प्रधानमंत्री अब मुस्लिम को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि बीजेपी उनके खिलाफ नहीं है। यह काम आसान नहीं है लेकिन अगर बीजेपी इसमें थोड़ी भी बहुत संभव हो पाई तो यह अगली लोकसभा चुनावों में जेनमचेंजर साबित होगा।
पूरी तरह से, और विशेष रूप से राहुल गांधी लगातार कह रहे हैं कि जनता में बीजेपी की नाराजगी है, और उसे नुकसान होगा। कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि बीजेपी को भी जनता की उदासी का एहसास है, इसलिए अब मोदी मुस्लिम के दिल जीतने की बात कह रहे हैं।
वहीं, बीजेपी को मोदी की योजनाओं पर यकीन है। बीजेपी का कहना है कि मोदी ने हर घर में दिया, हर घर में नल का कनेक्शन दिया, हर गांव में इंटरनेट से जुड़ा, हर गांव तक सड़क संदेशई, 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया, 22 लाख करोड़ रुपये डायरेक्ट बेनिफिट वोट के जरिए लोगों के अकाउंट्स में चेतावनीए, कोरोना महामारी के दौरान वैक्सीन की 223 करोड़ डोज देश भर में लोगों को झकझोर रही है, और यह सब काम बगावत-धर्म को देख गया। इन सभी नौकरियों में हिंदू और मुस्लिमों में कोई भेद नहीं किया गया और योजनाओं का लाभ मिला।
बीजेपी के रजिस्टर और रजिस्ट्रेशन को पूरा यकीन है कि मोदी को सभी धर्मों और जातियों से लोगों का प्यार और स्नेह मिला है, और यह सकारात्मक दृष्टिकोण वाली पार्टी को आने वाली 20 तारीखों में बहुत सारी कमाई में मदद कर सकता है। (रजत शर्मा)
देखें: ‘आज की बातरजत शर्मा के साथ’ 17 जनवरी, 2022 का पूरा एपिसोड



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