राजस्थान समाचार: राजस्थान कांग्रेस सरकार की तरफ से आनन फानन में की गई नियुक्ति भरतपुर में चर्चा का विषय बन गया है। सरकार ने लदान साल पहले विकलांग हो चुके कार्यकर्ता को जिला जन अभियोग एवं आवासीय समिति का सदस्य बनाया। भरतपुर में जिला जन अभियोग एवं पंचायत समिति के लिए पांच लोगों की नियुक्ति की गई है। 25 जनवरी को सरकार की तरफ से जारी नियुक्ति आदेश में कार्यकर्ता संजय लवानी का नाम भी शामिल है। 2021 में संजय लवानी की मौत हो गई। कार्यकर्ता की मौत के बाद नियुक्ति आदेश पर सवाल खड़े हो गए।
नियुक्ति आदेश से सरकार की किरकरी
लोगों का कहना है कि चुनाव निकट आने पर सरकार को संगठन और कार्यकर्ता याद आ रहे हैं। अतिरिक्त जिला कलेक्टर (शहर) सुभाष गोयल ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से जन अभाव अभियोग समाधान समिति में कुल पांच सदस्य हैं। उप जिला कलेक्टर स्तर पर सत्यापन की पुष्टि के दौरान खुलासा हुआ कि संजय लवानी की मौत हो चुकी है। संजय लवानियां की मौत की सरकार रिपोर्ट भेज दी गई है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि नाम पहले ही प्रपोज कर दिए गए थे।
मृत कार्यकर्ता को मिली कमेटी में जगह
मैनियन के एक्शन के दौरान संजय लवानियां की मौत हो गई थी। रिपोर्ट के बाद अब सरकार की ओर से किसी अन्य कार्यकर्ता का मनोनीत कर दिया जाएगा। अटैचमेंट है कि राजस्थान सरकार का इसी साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। राजस्थान की कांग्रेस सरकार को चार साल से जबर्दस्त सत्ता संभाले हो गए। चार साल में सरकार ने कोर्स और कोर्स की ओर ध्यान नहीं दिया। राजनीतिक नियुक्तियां नहीं होने का कारण सभी जानते हैं।
राजस्थान में भाग लेने के लिए सचिन पायलट और अशोक गहलोत में अतिरिक्त शामिल हैं। कांग्रेस पार्टी के दो खेमों में बंटते दिखाई दे रहे हैं। इस कारण सरकार ने नामांकन को राजनीतिक नियुक्तियों से दूर रखा। विधानसभा चुनाव नजदीक देख सरकार रिपीट करने के लिए कांग्रेस को स्कोरिंग की याद आई है। अब आनन फानन प्रदेश के राष्ट्रपति गोविन्द सिंह डोटासरा भी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति करने में लगे हैं। अभी राजस्थान के कई नौकरशाहों की नियुक्ति नहीं हुई है।