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राजस्थान बाड़मेर कांग्रेस के नेता हरीश चौधरी ने पीएम किसान बीमा योजना को लेकर सरकार पर निशाना साधा

पीएम किसान बीमा योजना पर हरीश चौधरी: अखिल भारतीय कांगड़ों के पंजाब का बकाया और बायतु विधायक हरीश चौधरी ने सोमवार को एक बयान जारी कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत वर्ष 2021 की खरीफ का बीमार बीमाकर्ता के किसानों के लाभ में नहीं आया। आरोप लगाते हुए ग्रीनश चौधरी ने कहा कि किसानों के खाते में 2-5 पैसे आए और फिर इस पर राजनीति करना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इस मामले में सभी जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों को अपनी जिम्मेदारी से भागना नहीं चाहिए। उन्हें अपने घर के बाड़मेर के किसानों को न्याय के लिए खड़ा होना चाहिए और किसानों के हक का पूरा पैसा बकाया पर काम करना चाहिए।

विधायक ने बताया कैसे तय होता है बीमा
ग्रीनश चौधरी ने कहा कि बीमा कंपनी का टेंडर सेंटर सरकार की सूचनाओं के आधार पर तैयार किया गया है। वहीं नीलामी का समय प्रीमियम तय होता है और नुकसान कितना होता है, यह फसल कटौती के आंकड़े तय करते हैं। उन्होंने केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी के अपने एक फैसले में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के नियम, क़ानून और बाड़मेर के किसानों को मिले मुआवज़े के संदर्भ में अपनी बात रखी।

यह जवाब देते हुए पूर्व मंत्री और विधायक हरीश चौधरी ने बताया कि उन्हें जानकारी के लिए बताता हूं कि जो आरोप-प्रत्यारोप आपने इस विषय पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्रों के संबंध में लगे हैं, वो बाड़मेर के किसानों को भटकाने वाले हैं हैं।

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‘सरकार ने किसानों की जगह बीमा कंपनी के साथ दिया’
हरीश चौधरी ने कहा कि फसल बीमा क्लेम सेंटर सरकार का मामला है। साल 2018 में पीएम की घटती बीमा मुआवज़े में भी बीमा कंपनी ने बाड़मेर के किसानों के साथ अन्याय किया और उस समय भी केंद्र की सरकार किसानों के साथ नहीं छोड़ी बीमा कंपनी के साथ सहती रही। इससे बीमा कंपनी को फायदा हुआ। विधायक चौधरी ने बताया कि 21 सितंबर 2019 को बाड़मेर सर्किट हाउस में किसानों के इस महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत बात रखी गई थी.

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