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राजस्थान अजमेर रेंज के आईजी रुपिंदर सिंह ने एक निर्दोष एएनएन को गिरफ्तार करने के लिए ब्यावर सीआई चेनाराम बेड़ा को निलंबित कर दिया

राजस्थान समाचार: एक बेगुनाह को गुनगार ने गिरफ्तारी साबित कर दी और उसे जेल बिजवाने के मामले में मंगलवार को आईजी रूपिंदर सिंह (रूपिंदर सिंह) ने बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने इस मामले को गंभीर दोषी ब्यावर (ब्यावर) सदर थानाधिकारी चेनाराम बेड़ा को माना सस्पेंड कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान बेड़ा को मंगलवार (अजमेर) पुलिस लाइन में उपस्थिति दर्ज होगी।

पति को न्याय के लिए दर-दर भटकती रही पत्नी

मंगलवार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रूपिंदर सिंह ने एक आदेश जारी किया है जो विकराल पदार्थों के तस्करों के मामले में जांच में मिश्रा पर ब्यावर सदर थाना प्रभार चेनाराम बेड़ा को निलंबित कर दिया है। दरअसल, बेड़ा ने 12 सितंबर 2022 को एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज एपिसोड में कार के पंजीकरण के आधार पर लक्ष्मीचंद वैष्णव को नवंबर 2022 में नोटिस दर्ज किया था। वैष्णव की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी शोभा ने थाना चार्ज बेड़ा से लेकर पुलिस के आला अधिकारियों को बताया कि उनका पति बेगुनाह है। सभी जगहों पर लगाने पर भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई।

आईजी की जांच में मिलते-जुलते

इसके बाद पीड़िता की पत्नी ने आईजी रूपिंदर सिंह से मुलाकात कर सारा वाक्या सुनाया. महिला की बात सुनने के बाद आईजी ने मामले की जांच के आदेश दिए। आईजी के आदेश पर की गई जांच में सदर थाना चार्ज की जांच संदिग्ध मिली। जांच में सामने आया कि पूर्व में किए गए जांच में पत्रावली के तथ्य अनजान कर कार मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को गिरफ्तार करना गलत था। इस मामले में 9 मार्च को कार मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को कोर्ट ने भी जमानत पर रिहा कर दिया। इस पूरे मामले को आईजी ने गंभीर धारणा मानते हुए सर्कल चेनाराम बेड़ा को आवेदक प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

तथ्य पहचानना महंगा पड़ गया

ब्यावर सदर थाना पुलिस ने 12 सितंबर 2022 को दुर्घटनाग्रस्त हुई सड़क से तस्कर होने की आशंका में एक कार पकड़ी थी। तस्करों ने पुलिस जीप को टक्कर मारने का प्रयास करते हुए ब्रेकिंग रोड की तरफ जाने की कोशिश की थी। इस दौरान बड़े सड़क पर शेख पर बैरिकेडिंग पुलिस नेस्कर तस्कर जोधपुर के लूणी निवासी सुनील बाकीनोई और बाड़मेर निवासी बिश्नोई को दबोच लिया था। कार से दस कटों में 185 किलो 600 ग्राम डोडा पोस्त किया था। गिरफ्तारी के समय तस्कर सुनील बाकीनोई व शेख बिश्नोई ने पुलिस कर्मियों में वाहन अन्य लोगों से आने की बात कही थी। इस कार जोधपुर निवासी लक्ष्मीचंद वैष्णव ने बेची थी। वैष्णव की पत्नी ने सीआई बेड़ा को कार विक्रेता के एग्रीमेंट के दस्तावेज भी दिखाए थे। इसके बावजूद सीआई ने वाहन बिक्री के तथ्यों को अनजान कर कार के मालिक लक्ष्मीचंद वैष्णव को गिरफ्तार कर लिया।

सीआई चेनाराम ने की तरह

मंगलवार रेंज आईजी रूपिंदर सिंह ने इस मामले में बताया कि एंडी पीएस एक्ट के एक मामले में ब्यावर सदर थाना प्रभार चेनाराम बेड़ा ने तथ्यों को गलत बताया। इसके साथ ही एक दोषी को जेल भिजवा दिया गया, जबकि उनका वाहन पहले ही बिक चुका था, लेकिन बिस्कुट ने उन्हें अपना नाम नहीं दिया। पूछताछ के नोट में तस्करों ने कार को तीसरे शख्स से लेकर आना कबूल किया था। जांच में सभी तथ्य सामने आए हैं। बंधुआ, किसी आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा घोर दोषी है। किसी बेगुनाह को सजा नहीं दी जानी चाहिए।

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