
संसद में चीनी रजिस्टर का फाइल नंबर
नई दिल्ली: संसद में कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने बुधवार को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में भारत एवं चीन के सैनिकों के बीच पिछले दिनों हुई झड़पों के मुद्दों को फिर उठाया और इस पर चर्चा की मांग की। दोनों सदनों में इस मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं मिलने पर विभिन्न विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने वॉकआउट किया। निर्धारक के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शून्यकाल में चीनी रजिस्टर के मुद्दों पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा, ”मैंने कल भी इस मुद्दे पर चर्चा के लिए नोटिस दिया था। जो चीनी लगा है, उसके बारे में हम विस्तृत चर्चा करना चाहते हैं। हमारी कोशिश हो रही है कि देश के लोगों को पूरी जानकारी दी जाए कि वहां की वास्तविक स्थिति क्या है।”
हम देश के साथ हैं: खड़गे
उन्होंने कहा कि सदन को बहुत सी चीजें जाननी हैं, जो रक्षा मंत्री ने नहीं बताया। खड़गे ने कहा, ”हमारे पास जो लोग हैं, जो जगह पहले खाली थी अब वहां पर पुल बन गए हैं। मकान बन गए हैं।” इसी दौरान सभापति हरिवंश ने खड़गे को टोकते हुए कहा कि आज इस बारे में कोई नोटिस नहीं है, इसलिए इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकती है और रक्षा मंत्री भी इस पर कंजेशन दे चुके हैं। इस पर खड़गे ने कहा, ”हम देश के साथ हैं, हम सेना के साथ हैं।”
आक्षेप किया
खरगे अभी बोल ही रहे थे कि उपसभापति ने शून्यकाल जांच और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बृजलाल को अपना नामांकन उठाने को कहा। इसी बीच, अन्य सदस्यों ने अनुबंध किया। उप सभापति ने एक बार फिर हुक्म दिया कि सदस्यों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि जुड़े हुए नेताओं को चीनी सूची के मुद्दों पर आपके नोटिस को संपूर्ण पढ़ने का मौका दिया गया। इस बीच, खड़गे कुछ बोलना चाहते थे, लेकिन आसन ने उन्हें इसका लाइसेंस नहीं दिया। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल सहित कई विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।
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