
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर. पुरी पीठ के शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने रायपुर प्रवास के दौरान मीडिया से बातचीत में वक्फ बोर्ड कानून और धर्मांतरण पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक सूझबूझ वाले नेता बताते हुए कहा कि वह हमेशा सोच-समझकर फैसले लेते हैं। वक्फ बोर्ड द्वारा मुस्लिम समुदाय को संपत्ति और सुविधाएं देने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसकी संपत्तियों को समान रूप से देखा जाना चाहिए, ताकि सभी समुदायों के लिए लाभकारी हो।
धर्मांतरण पर शंकराचार्य का रुख सख्त था। उन्होंने कहा कि यदि सनातन धर्म को सही तरीके से समझा जाता तो धर्मांतरण जैसी समस्या कभी उत्पन्न नहीं होती। उनके अनुसार, धर्मांतरण का उद्देश्य हिंदू धर्म को समाप्त करना है और यह हिंदू समाज की दुर्बलता का परिणाम है।
छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण और राजनीति पर टिप्पणी करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि राज्य में कुछ ऐसे मुख्यमंत्री भी रहे हैं जिन्होंने अल्पसंख्यकों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुसलमानों को बसाने का काम किया। उन्होंने राजनीति को सत्ता की लालच के रूप में देखा और कहा कि आज के राजनेताओं को राजनीति की सही परिभाषा तक समझ में नहीं आती। उन्होंने चुनावी प्रक्रिया को दूषित करार देते हुए इसके सुधार की आवश्यकता जताई।
यह बयान शंकराचार्य के गहरे चिंतन और उनके दृष्टिकोण का प्रतीक है, जिसमें उन्होंने समाज और राजनीति में धर्म और संपत्ति के मुद्दों पर अपने विचार रखे।
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