
UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर | छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ के बहुचर्चित शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा को उनकी न्यायिक रिमांड समाप्त होने के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) की विशेष कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले, कोर्ट ने लखमा को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा था।
गौरतलब है कि जनवरी महीने में ED ने लखमा को इस घोटाले में गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि मंत्री रहते हुए उन्होंने हर महीने लगभग 2 करोड़ रुपये प्राप्त किए, जिससे कुल मिलाकर 72 करोड़ रुपये की अवैध आय हुई। इस राशि का उपयोग कांग्रेस कार्यालय और अपने बेटे के लिए एक घर बनाने में किया गया।
पिछले महीने की सुनवाई के बाद, ED की स्पेशल कोर्ट ने लखमा की न्यायिक रिमांड 4 मार्च तक बढ़ा दी थी। अब, रिमांड समाप्त होने के बाद उन्हें फिर से अदालत में पेश किया गया है।
21 जनवरी से जेल में हैं कवासी लखमा
यह भी ध्यान देने योग्य है कि शराब घोटाले के मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, उन्हें दो बार ED दफ्तर में बुलाकर पूछताछ की गई थी। गिरफ्तारी के सात दिन बाद, ED ने उन्हें 7 दिन की कस्टोडियल रिमांड पर लेकर पूछताछ की थी। इसके बाद, 21 जनवरी से 4 फरवरी तक लखमा को 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। पिछली सुनवाई के दौरान जेल में सुरक्षा बलों की कमी के कारण लखमा की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेशी हुई थी। सुनवाई के बाद, कोर्ट ने उनकी रिमांड को 18 फरवरी तक बढ़ा दिया था।
क्या है शराब घोटाला?
भूपेश सरकार के तहत पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, उनके बेटे यश टुटेजा और CM सचिवालय की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया के खिलाफ आयकर विभाग ने दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में 11 मई, 2022 को याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि छत्तीसगढ़ में रिश्वत और अवैध दलाली का खेल चल रहा है। इसमें रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर का नाम भी सामने आया, जो अवैध वसूली में शामिल था।
दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर, 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। आयकर विभाग से प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर ED ने जांच के बाद 2161 करोड़ के घोटाले की जानकारी दी थी।
ED ने अपनी चार्जशीट में बताया कि किस तरह एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। ED ने चार्जशीट में कहा कि 2017 में आबकारी नीति में संशोधन कर CSMCL के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया, लेकिन 2019 के बाद शराब घोटाले का मुख्य आरोपी अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का MD नियुक्त किया। इसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ। इस मामले में ED ने 15 जनवरी को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था।
ED ने कोर्ट में 3,841 पन्नों की चार्जशीट पेश की
13 मार्च को शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने विशेष कोर्ट में 3,841 पन्नों का चालान पेश किया, जिसमें जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा समेत 21 अन्य को आरोपी बनाया गया है। ED का दावा है कि लखमा को इस घोटाले की पूरी जानकारी थी और वे इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे। हालांकि, लखमा ने अपनी गिरफ्तारी के समय कहा था कि वे निरक्षर हैं और जो भी कागजात हैं, उनका उन्हें कोई ज्ञान नहीं है।
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