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Raipur News : भगवान महावीर की शिक्षाओं को बच्चों ने मंच पर जीवंत किया, दादाबाड़ी में धूमधाम से मनाया जन्मोत्सव

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। भगवान महावीर के जन्म कल्याण महोत्सव के अवसर पर बुधवार को एमजी रोड स्थित जैन दादाबाड़ी में भव्य आयोजन हुआ। इस दिन को विश्व नवकार महामंत्र दिवस के रूप में बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। आयोजन में जैन इंटरनेशनल ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन ने विशेष कार्यक्रम आयोजित किया, जो न केवल धार्मिक भावनाओं से जुड़ा था, बल्कि मानवता के कल्याण और विश्व शांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल भी थी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चेयरमैन तिलोकचंद बरड़िया ने कहा कि नवकार महामंत्र केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं, बल्कि यह समस्त मानवता के कल्याण का मार्गदर्शक मंत्र है। यह दिव्य मंत्र शांति, सकारात्मकता और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है, जो जीवन को संतुलित और समृद्ध बनाने की शक्ति रखता है। इस अवसर पर विश्वभर के जैन अनुयायियों ने एक साथ नवकार महामंत्र का जाप किया और संपूर्ण संसार की शांति एवं समृद्धि की कामना की। कार्यक्रम सुबह 7:02 से 9:36 बजे तक चला।

वीर जन्मोत्सव के संग… मेहंदी के रंग

निरवाना ग्रुप द्वारा आयोजित एक अन्य कार्यक्रम “वीर जन्मोत्सव के रंग मेहंदी के संग” में भी दादाबाड़ी प्रांगण को खास रूप से सजाया गया। इस दौरान 500 से अधिक महिलाओं ने भगवान महावीर के जन्म उत्सव के अवसर पर अपने हाथों में मेहंदी लगवाई। सांस्कृतिक कार्यक्रम के बीच राहुल झाबक और पूनम बरमट की भक्तिमय प्रस्तुति ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके साथ ही बच्चों के लिए एक फन गेम जोन का भी आयोजन किया गया, जिसमें बच्चों ने खेल-खेल में धर्म के महत्व को पहचाना।

‘वर्धमान से महावीर तक’: बच्चों ने जीवंत किया महावीर का जीवन यात्रा

इस आयोजन का सबसे आकर्षक हिस्सा था श्री आदिनाथ दिगंबर जैन महिला मंडल, मालवीय रोड द्वारा प्रस्तुत “वर्धमान से महावीर तक” नृत्य नाटिका। इस नाटिका में 50 से अधिक बच्चों ने भगवान महावीर के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को मंच पर जीवंत रूप में प्रस्तुत किया। बच्चों ने महावीर स्वामी के जन्म से लेकर उनके तप, त्याग और कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति की कहानी को दर्शकों के सामने पेश किया। भगवान महावीर का जन्म वज्जि गणराज्य के राजा सिद्धार्थ और महारानी त्रिशाला के घर हुआ था। उनके जन्म से ही राज्य में सुख-समृद्धि और वैभव बढ़ने लगे, जिसे देखकर उन्हें ‘वर्धमान’ नाम दिया गया।

आध्यात्मिक और शारीरिक तप के द्वारा महावीर स्वामी ने 12 वर्षों में अपनी इच्छाओं पर नियंत्रण पाया और अंततः उन्हें ‘महावीर’ की उपाधि मिली। इस अद्भुत जीवन यात्रा को बच्चों ने बहुत ही खूबसूरती से नृत्य और नाटक के माध्यम से दर्शाया, जिससे उपस्थित लोग भावुक हो गए।

कल होगी भव्य शोभायात्रा

महावीर जन्मोत्सव के इस महापर्व का समापन कल एक भव्य शोभायात्रा के साथ होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महावीर की पूजा अर्चना करेंगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। शोभायात्रा के मार्ग में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक झांकियों का आयोजन भी किया जाएगा, जो इस महोत्सव की भव्यता को और भी बढ़ाएगा।

 


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