UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में गृह विभाग के कार्यों की समीक्षा की। इस बैठक में उन्होंने भारत सरकार द्वारा लागू किए गए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के प्रभावी क्रियान्वयन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कानूनों से न केवल न्याय प्रणाली में सुधार होगा, बल्कि अपराधियों में भय और आम जनता में विश्वास उत्पन्न होगा।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इन कानूनों की प्रभावी समझ और व्यावहारिक प्रशिक्षण पुलिस बल, अभियोजन अधिकारियों और अन्य संबंधित कर्मियों के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी जिलों में चरणबद्ध तरीके से कार्यशालाओं और सेमिनारों का आयोजन किया जाए, जिसमें केस स्टडी और मॉक ट्रायल के माध्यम से प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अपराध अनुसंधान प्रणाली को और अधिक प्रभावी, वैज्ञानिक और प्रमाणिक बनाने पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने कहा कि आपराधिक मामलों में सिर्फ गिरफ्तारी नहीं, बल्कि सटीक और पुख्ता साक्ष्य के आधार पर विवेचना पूरी की जाए, ताकि अभियुक्तों को सजा दिलाई जा सके। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि विवेचना अधिकारियों को आधुनिक अनुसंधान तकनीकों, डिजिटल फॉरेंसिक, सीसीटीएनएस प्रणाली और वैज्ञानिक उपकरणों के उपयोग में दक्ष किया जाए।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के लिए पीड़ितों को समय पर न्याय दिलाना सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसके लिए अनुसंधान प्रक्रिया में पारदर्शिता, तत्परता और तकनीकी दक्षता अनिवार्य है। मुख्यमंत्री ने साइबर अपराधों की बढ़ती चुनौती को देखते हुए साइबर सेल को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने और जनता को साइबर जागरूकता से जोड़ने के लिए अभियान चलाने के निर्देश भी दिए।
इस बैठक में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, सचिव राहुल भगत सहित वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।