छत्तीसगढ़

सक्ती में आयकर विभाग का छापा : नगर के प्रतिष्ठित फर्म मां महामाया ज्वेलर्स में मारा छापा, आईटी के अधिकारियों सहित पुलिस टीम मौजूद, दूसरे दिन भी कार्यवाही जारी

UNITED NEWS OF ASIA. प्रदीप शर्मा, सक्ती |  सक्ती जिले में गुरुवार को आयकर विभाग की टीम ने एक ज्वेलर्स दुकान मे छापा मारा है। आयकर विभाग ने सक्ती नगर के प्रतिष्ठित फर्म मां महामाया ज्वेलर्स में छापा मारा हैं। आईटी विभाग के अधिकारी आय से अधिक संपत्ति के मामले की जांच कर रही है। आईटी के अधिकारी दुकान और घर में दस्तावेज खंगाल रहे है। आईटी विभाग के अधिकारियों के साथ दुकान में पुलिस टीम भी मौजूद है। शुक्रवार की सुबह भी आयकर विभाग के अधिकारी घर और दुकान की जांच कर रहे है। फर्म के प्रोपराइटर का नाम मनोज अग्रवाल है। आईटी की इस कार्यवाही से नगर में हड़कंप मचा हुआ है।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे रायपुर व बिलासपुर के आईटी अधिकारियों की टीम ने नगर के प्रतिष्ठित सराफा व्यापारी मनोज अग्रवाल के दुकान और निवास में दबिश दी है। बताया जा रहा है की आईटी विभाग को टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी जिसके बाद दबिश दी गई है। वहीं कुछ जानकारों का मानना है कि यह विभाग की एक सतत प्रक्रिया है जहां बड़े व्यवसाईयों के यहां आईटी की दबिश दी जाती है, ताकि टैक्स चोरी पर शिकंजा कसा जा सके। वहीं यह बात भी सामने आ रही है कि माँ महामाया ज्वेलर्स के संचालक मनोज अग्रवाल जमीन का भी काम करते हैं तो हो सकता है की विभाग को जमीन संबंधी भी कोई टिप मिली हो। बता दें कि आईटी की टीम दस्तावेजों की जांच कर रही है वहीं आईटी टीम के अधिकारियों ने मनोज अग्रवाल के व्यापारिक लेन देन और वित्तीय दस्तावेजों को खंगालना शुरू कर दिया है।

अब तक आईटी विभाग की ओर से कोई आधिकारिक बयान तो सामने नहीं आया है। अधिकारियों का कहना है कि जो भी बातें सामने आएगी उस पर अलग से प्रेस नोट जारी कर मीडिया को अवगत करा दिया जाएगा। रेड के समय अधिकारी किसी से कोई बात करने से भी बचते नजर आए।

बता दे कि सराफा व्यापारी मनोज अग्रवाल पर टैक्स चोरी के गंभीर आरोप लगे हैं। उनके विभिन्न प्रोजेक्ट और व्यापारिक सौदों में कथित अनियमितताओं की जानकारी आईटी विभाग को मिली थी। नगर में इन दिनों जमीन का कारोबार काफी बड़े पैमाने में किया जा रहा है। मनोज अग्रवाल के द्वारा भी जमीन की खरीदी बिक्री का काम करने की जानकारी मिली है। इसी के आधार पर आईटी विभाग द्वारा उनके निवास और दुकान में एक साथ छापेमारी की गई है। शुक्रवार को भी आईटी के अधिकारी व्यापारी के दुकान और घर में जांच कर रहे है।

गौरतलब है कि माँ महामाया ज्वेलर्स नगर के सबसे पुराने और प्रतिष्ठित फर्मों में से एक है। इस छापेमारी के बाद से नगर के व्यापारी वर्ग में हड़कंप मच गया है। कई अन्य व्यापारियों ने भी अपने दस्तावेजों को दुरुस्त करने अपने अपने सीए को बोल दिया है और कुछ नगर के व्यापारी तो नगर से बाहर चले गए हैं। आईटी की इस कार्यवाही को टैक्स चोरी के खिलाफ सख्त नीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

तीन साल पहले भी हुई थी कार्यवाही

आपको बता दे कि तीन वर्ष पूर्व भी नगर में एक साथ सात लोगों के दर्जन भर ठिकानों में आईटी के अधिकारियों ने दबिश दी थी। उस वक्त रेड लगभग चार दिनों तक चला था। उस कार्यवाही मे आईटी विभाग के अधिकारियों को करोड़ों रुपए के लेन देन के दस्तावेज मिले। साथ ही विभाग ने सट्टा के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। लेकिन अब तक इस मामले में कार्यवाही क्या हुई यह कोई नहीं जानता है।

उस वक्त के आईटी रेड के समय कई तरह की बातें भी सामने आई थी। वहीं विभाग द्वारा थाने में रिपोर्ट दर्ज करने पत्र भी लिखा गया था लेकिन दस्तावेजी प्रमाण नहीं देने की स्थिति में थाना द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई। जिसकी वजह से आज भी पुलिस पर उंगली उठती रहती है। लेकिन जिन आधारों पर एफ‌आईआर के लिए आईटी विभाग ने पत्र लिखा था उससे संबंधित आधारों के दस्तावेज व मशीनें आज पर्यन्त तक पुलिस को नहीं सौंपी गई है और यही कारण है कि स्थानीय पुलिस भी इस मामले में अपने आप को पाक साफ़ बताते हुए पलड़ा झाड़ लेती है। अब इस कार्रवाई से एक बार फिर सक्ती नगर में बड़े व्यापारियों के हाथ पाव फूलने लगे है।

 


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