UNITED NEWS OF ASIA. नेमिष अग्रवाल, नई दिल्ली | दिल्ली पुलिस ने स्टार्क वीज़ाज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक राहुल सूद को फर्जी इमिग्रेशन, वीज़ा और शैक्षिक सेवाओं के माध्यम से लोगों को ठगने के आरोप में गिरफ्तार किया है। उनकी पत्नी मनीषा सूद और कर्मचारी दीपक गौर भी इस धोखाधड़ी में शामिल पाए गए हैं, हालांकि मनीषा सूद को गिरफ्तार नहीं किया गया है। यह मामला ग्राहकों को धोखे में रखकर उनके धन का दुरुपयोग करने की एक संगठित योजना को उजागर करता है।
मामले का विवरण
दिल्ली निवासी लतिका वैष्णव ने कनाडा में कानूनी रूप से इमिग्रेट करने के लिए स्टार्क वीज़ाज प्राइवेट लिमिटेड की सेवाएं ली थीं। 21 जुलाई 2023 को उन्होंने कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए और ₹24 लाख का भुगतान किया। लेकिन बार-बार संपर्क करने के बावजूद उनके वीज़ा आवेदन में कोई प्रगति नहीं हुई। बाद में उन्हें पता चला कि कंपनी ने उनके आवेदन में नकली दस्तावेज, जैसे फर्जी कनाडाई नौकरी के प्रस्ताव पत्र और लेबर मार्केट इम्पैक्ट असेसमेंट (LMIA) प्रमाण पत्र, जमा किए थे।
जांच में यह भी सामने आया कि राहुल सूद ने जानबूझकर झूठे आश्वासन देकर श्रीमती वैष्णव को गुमराह किया और नकली दस्तावेजों के सहारे आवेदन प्रक्रिया को जारी रखने का दिखावा किया।
आर्थिक और मानसिक पीड़ा
लतिका वैष्णव को स्टार्क वीज़ाज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए ₹24 लाख की वसूली में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
कुल राशि में से: ₹7.5 लाख का नुकसान एक बेकार चेक के कारण हुआ, जिसे राहुल सूद ने जारी किया था लेकिन भुगतान रोक दिया गया।
₹7 लाख की राशि मनीषा सूद द्वारा की गई फर्जी और अनैतिक शिकायत के कारण अटकी हुई है। मनीषा ने साइबर सेल और बैंक में झूठी शिकायत दर्ज कर श्रीमती वैष्णव को मानसिक रूप से परेशान करने और भुगतान रोकने की कोशिश की।
हालांकि लतिका वैष्णव ने पोस्ट-डेटेड चेक के माध्यम से ₹9.5 लाख की राशि वसूल ली है, लेकिन अभी भी ₹14.5 लाख का मामला लंबित है, जिससे उन्हें मानसिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ रहा है।
जांच में यह भी पता चला कि स्टार्क वीज़ाज प्राइवेट लिमिटेड ने सोशल मीडिया और ऑनलाइन विज्ञापनों के जरिए ग्राहकों को कनाडा में इमिग्रेशन और रोजगार के वादों के साथ फंसाया। कंपनी ने फर्जी दस्तावेज जमा किए और वीज़ा अनुमोदन के झूठे आश्वासन दिए। इन गतिविधियों का संचालन राहुल सूद कर रहे थे, जबकि मनीषा सूद की भूमिका ने पीड़ितों की परेशानियों को और बढ़ा दिया।
आरोप और कार्रवाई
दक्षिण-पूर्व दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कलकाजी थाने में एफआईआर नंबर 0021/2025 के तहत मामला दर्ज किया है। राहुल सूद पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467, 468, 471 (जालसाजी), 120बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
पुलिस का कहना है:
“राहुल सूद के कार्य भरोसे के बड़े उल्लंघन का प्रतीक हैं। हमने फर्जी दस्तावेजों और ईमेल ट्रेल सहित पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। हम स्टार्क वीज़ाज प्राइवेट लिमिटेड के अन्य पीड़ितों से अपील करते हैं कि वे आगे आएं और अपनी शिकायतें दर्ज कराएं।”