अपने पत्र के जरिए उन्होंने ओम बिरला से आग्रह किया कि उन्हें ब्रिटेन में दिए गए अपने एक बयान को लेकर भगवान में अपनी बात रखने का मौका दिया जाए। राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान भी कहा था कि वे सदन में बोलना चाहते हैं।
इससे पहले राहुल गांधी ने रविवार के सभापति ओम बिरला से मुलाकात की थी। इस बैठक के दौरान भी उन्होंने संसद में बोलने का प्यासा था। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी भारतीय लोकतंत्र के संदर्भ में दिए गए अपने बयानों पर अपना पक्ष रखना चाहते हैं। राहुल के उन्हीं बयानों को लेकर बीजेपी नेता लगातार मजाक की मांग कर रहे हैं। भाजपा का दावा है कि राहुल गांधी ने विदेशी धरती से भारत का अपमान किया है। साथ ही उन्होंने भारत में विदेशी हस्तक्षेप का भी आग्रह किया है। राहुल गांधी ने विदेश मामलों की निदेशक समिति की बैठक में भी कहा था कि उनके बयानों को राष्ट्र विरोधी नहीं कहा जा सकता और वे किसी विदेशी दखल की बात नहीं करते थे।
इससे पहले राहुल ने कहा था कि अगर देश में लोकतंत्र कायम है तो उन्हें संसद में अपनी बात रखने का अवसर मिलेगा क्योंकि उनकी सरकार के चार मंत्रियों के खिलाफ आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज मैं संसद और लोकसभा अध्यक्ष से कहता हूं कि मैं संसद में बोलना चाहता हूं, सरकार के चार मंत्री मेरे ऊपर आरोप लगाते हैं तो मेरा हक है कि मैं सदन में अपनी बात रखूं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष का कहना था कि मुझे नहीं लगता कि बोलना होगा। फिर भी मैं आशा करता हूं कि कल मुझे बोलने का मौका मिलेगा। हाल ही में लंदन में एक घटना में राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि भारतीय लोकतंत्र के मंच पर ”बरबर हमला” हो रहा है। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि दुनिया के लोकतांत्रिक हिस्सों सहित अमेरिका और यूरोप इस पर ध्यान देने में विफल रहे हैं।
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