पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर हमलावर नेता हैं। जबकि आपराधिक मामलों के नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाता है, विरोधी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अलंकृत करार दिया जाता है।
मनहानी मामले में राहुल को 2 साल की सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आज एक बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई है। इसकी कांग्रेस लेकर जबरदस्ती कैसे सरकार पर हमलावर है। कांग्रेस के कई और नेताओं का साथ भी मिल रहा है। पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम मोदी के न्यू इंडिया में बीजेपी के निशाने पर हमलावर नेता हैं। जबकि आपराधिक मामलों के नेताओं को कैबिनेट में शामिल किया जाता है, विरोधी नेताओं को उनके भाषणों के लिए अलंकृत करार दिया जाता है। उन्होंने कहा कि आज हमने अपने संवैधानिक लोकतंत्र के लिए एक नया मुकाम देखा है।
वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि जब बीजेपी की सरकार ने यूपी में आई है, तब से प्रशासन का साथ लेकर ग्लेयर शार्ट लगवाए। कई ऐसे आते हैं जब प्रशासन और शासन ने समाजवादी पार्टी के सदस्यों की सदस्यता ली है। इसी कड़ी में आजम खान और उनके बेटे ने भी सदस्यता ली। उन्होंने आगे कहा कि समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने बीजेपी की सदस्यता ली है और आज कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी की सदस्यता ली है। ये सब गैर-जिम्मेदाराना वास्तविक मुद्दे जैसे-जिम्मेदाराना, नौकरीपेशा और अपने मित्र उद्योगपति पर बहस से ध्यान हटाने के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस के नेता के साथ हुआ है, समाजवादी पार्टी के नेताओं के साथ पहले हार गया है।
राजद के मनोज झा ने कहा कि कितना विचित्र और निंदनीय है। बेशर्मी को नया पता मिला है। फिर भी यह मत कहो कि भारत में लोकतंत्र मर चुका है। सभी पहलुओं को देखा जाना चाहिए कि यह अकेले ‘चुनाव’ के बारे में नहीं है, बल्कि लड़ाई लोकतंत्र को फिर से जीवित करने के लिए घोषित किया जाना चाहिए… जय हिन्द। महाराष्ट्र के पूर्व फेसबुक छायाकार ने कहा है कि यह सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता रद्द कर दी गई है। चोर को चोर कहता है हमारे देश में अपराध हो गया है। चोर-लुटेरे अभी भी आजाद हैं और राहुल गांधी को सजा मिली है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह लोकतंत्र का प्रत्यक्ष मर्डर है। सभी सरकारी तंत्र दबाव में हैं। यह तानाशाही के अंत की शुरुआत है। अब लड़ाई को उचित दिशा निर्देश होंगे।