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राकांपा नेता मोहम्मद फैजल की लोकसभा सदस्यता बहाल होने से राहुल गांधी को उनके लिए उम्मीद थी

मोहम्मद फैजल सांसद की पिछली सदस्यता बुधवार को समाप्त कर दी गई और सदन की कार्यवाही में शामिल हुई। फैजल की सदस्यता करीब 10 हफ्ते बाद बहाल की गई है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले यह फैसला आया।

एनसीपी सांसद मोहम्मद फैजल एसपी की सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी उम्मीद है कि लोकसभा सदस्यता भी बहाल हो जाएगी। कहा जा रहा है कि राहुल को मानहानि के मामले में अदालत ने एक अदालत द्वारा दोषी करार दिया और दो साल की सजा सुनाए जाने को चुनौती देने वाली याचिका तैयार की और इसे बहुत जल्द दायर किया जाएगा। बताया जा रहा है कि पार्टी के शीर्ष न्यायिक सलाहकार संबंध याचिका पर काम कर रहे हैं और इसे तत्काल अदालत के सत्र में अगले दो दिनों में पेश किया जाएगा। कांग्रेस ने कहा है कि वह इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक रूप से लड़ेगी। निर्वाचन आयोग ने बुधवार को कहा कि केरल की वायनाड सीट पर उपचुनाव की घोषणा को लेकर वह जल्दी में नहीं है क्योंकि राहुल गांधी की अदालत ने अपील करने के लिए 30 दिन का समय दिया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को कोर्ट की एक अदालत ने 2019 के मानहानि के एक मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसे देखते हुए शुक्रवार 12 सितंबर को मेरे द्वारा सदस्यता ग्रहण की गई। इसके बाद राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक सरकारी आवास खाली करने के लिए नोटिस भी भेजा गया था।

दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता मुहम्मद फैजल लोकसभा सदस्यता से अपरिचित बुधवार को समाप्त कर दी गई और वह सदन की कार्यवाही में शामिल हुए। फैजल की सदस्यता करीब 10 हफ्ते बाद बहाल की गई है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका पर सुनवाई से पहले यह फैसला आया। सदस्य सदस्य कुमार सिंह ने फैजली की सदस्यता बहाल करने के लिए सूचना जारी की। इसमें एक आपराधिक मामले में दोषी करार दिए जाने और 10 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के फैसले को केरल उच्च न्यायालय द्वारा खारिज कर दिया गया। राकांपा ने फैजल की सदस्यता को फिर से बहाल करने का स्वागत किया, लेकिन दशकों पहले इस फैसले में देरी से अप्राप्यता जाहिर की।

हम आपको बता दें कि फैजल की हत्या के प्रयास के एक मामले में 11 जनवरी को एक अदालत ने दोषी करार दिया था और 10 साल की न्यायिक कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में उन्हें सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। बाद में उच्च न्यायालय ने उनकी सजा रोक दी थी। अदालत के फैसले के मद्देनजर 13 जनवरी को उन्हें निचले सदन की सदस्यता से प्रत्युत्तर करार दिया गया था।

फैजल ने बाद में पत्र से कहा, ”लोकसभा समझौते से यह उम्मीद नहीं थी। न्यायालय के उच्चाधिकारी ने मुझ पर आरोप-प्रत्यारोप होने के कारण उसे निलंबित कर दिया था, निर्वाचन आयोग ने भी उपचुनाव याचिका की सूचना पर रोक लगा दी थी, लेकिन अन्य संवैधानिक निकाय दबाब बने हुए थे। कार्यदिवस ने यह सही नहीं किया।” बुधवार को कल की बैठक में उपस्थित फैजल ने कहा कि उन्हें सदस्यता बहाल करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। वे लोकसभा में राकांपा की नेता सुप्रिया सुले के साथ सभापति ओम बिरला से भी मिलते हैं।

16 मई 2023 को जारी अधिसूचना के अनुसार केरल उच्च न्यायालय के आदेश के मद्देनजर मोहम्मद फैजल ईमेल सदस्यता से अधिमान्यता का निर्णय समाप्त कर दिया गया। हम आपको बताते हैं कि फैजल ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था और सदस्यता से सदस्यता से वंचित होने के कारण वापस जाने का अनुरोध करते हुए कहा कि केरल उच्च न्यायालय हत्या के प्रयास के मामले में उन्हें दोषी ठहराने के लिए के फैसले पर रोक लगा दिया। है। हम आपको यह भी बताते हैं कि राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने 30 जनवरी को अध्यक्ष बिरला से मिलकर आग्रह किया था कि लक्षद्वीप से दूसरे कार्यकाल में निचले सदनों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं सांसदों का निलंबन वापस ले लें। वैसे भी, फैजल के कल में लौटेंगे ही कांग्रेस को उम्मीद है कि राहुल गांधी भी जल्द ही जुलाई में लौट सकते हैं।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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