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पुलिस, मुकदमों से आत्मा नहीं किया जा सकता : राहुल गांधी

रविवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के दावे ‘महिलाओं का अभी भी यौन उत्पीड़न हो रहा है’ के बारे में पूछताछ करने के लिए उनके आवास पर पहुंच गई थी, जिसके अगले दिन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रपति की यह टिप्पणी आई है।

कांग्रेस नेता गांधी ने सोमवार को कहा कि वह अपने ऊपर बार-बार होने वाले राजनीतिक आरोप लगाते हैं, उनके घर पुलिस ने भेजा या उनके खिलाफ कई मामले दर्ज किए जाने से आत्मावलंबी नहीं हो सकते, क्योंकि वह सच्चाई में विश्वास करते हैं और हमेशा इसके साथ रमा रहे हैं। रविवार को दिल्ली पुलिस की एक टीम कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान राहुल गांधी के दावे ‘महिलाओं का अभी भी यौन उत्पीड़न हो रहा है’ के बारे में पूछताछ करने के लिए उनके आवास पर पहुंच गई थी, जिसके अगले दिन कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रपति की यह टिप्पणी आई है।

वायनाड के सांसद गांधी जिले के कई सारे दस्तावेजों को नए घरों के चाबियां सौंपे जाने के बाद लोगों को संदेश दे रहे थे। कांग्रेस नेता ने दावा किया, ”बहुत से लोग प्रधानमंत्री, भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और पुलिस से डर सकते हैं, लेकिन मैं आत्मावलंबी नहीं हूं। मैं उनसे जरा भी डरता नहीं हूं और उनकी समस्या है। उनकी समस्या यह है कि मैं डरता क्यों नहीं। इसका कारण यह है कि सच्चाई में विश्वास करता हूं।”

उन्होंने कहा, ”इससे ​​कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि मुझ पर आक्रमण किए जाते हैं, मेरे घर कितनी बार पुलिस शिकायत करती है या मुझ पर रिकॉर्ड दर्ज किए जाते हैं, मैं हमेशा सच्चाई के लिए खड़ा रहता हूं। मैं ऐसा ही हूं।” ”प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस और भाजपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया, ”अगर वे खुद को भारत मानते हैं तो वे भटकते और अहंकारी हैं।”

गांधी ने कहा, ”प्रधानमंत्री एक भारतीय नागरिक हैं, वह भारत नहीं हैं। वह भ्रम में है या परेशान है क्यों न हो, वह इस देश के लिए सिर्फ एक नागरिक है। भाजपा और आरएसएस भूल गए हैं कि देश में 1.4 अरब लोग हैं और वे भाजपा, आरएसएस या प्रधानमंत्री नहीं हैं।” उन्होंने कहा कि इसलिए प्रधानमंत्री, भाजपा या आरएसएस पर कोई भी हमला या आलोचना, भारत या उसके लोगों पर हमला नहीं है ।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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