
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली | भारत के इतिहास में कई ऐसे महान वैज्ञानिक और आविष्कारक हुए हैं, जिनका योगदान अतुलनीय रहा, लेकिन समय के साथ उनकी कहानियां धुंधली पड़ गईं। गोपालस्वामी दुरईस्वामी नायडू (G.D. Naidu) भी ऐसे ही एक दिग्गज आविष्कारक थे, जिन्हें उनके ज़माने में ‘इंडिया का एडिसन’ कहा जाता था। उन्होंने ब्लेड-रेजर से लेकर ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी से जुड़े 100 से अधिक आविष्कार किए, मगर दुर्भाग्यवश आज बहुत कम लोग उन्हें जानते हैं।
अब बॉलीवुड एक्टर आर. माधवन इस भूले-बिसरे जीनियस की कहानी को पर्दे पर लेकर आ रहे हैं। उनकी आगामी फिल्म ‘G.D.N.’ इसी महान वैज्ञानिक की ज़िंदगी पर आधारित होगी।
G.D. Naidu: पढ़ाई से नफरत, लेकिन आविष्कारों से प्यार!
23 मार्च 1893 को तमिलनाडु के कोयंबटूर के एक गांव में जन्मे नायडू को पढ़ाई से इतनी नफरत थी कि उन्होंने तीसरी कक्षा में ही स्कूल छोड़ दिया। कहा जाता है कि उन्होंने अपने शिक्षक के चेहरे पर रेत फेंककर स्कूल से भागने का फैसला किया था।
उनके जीवन पर लिखी गई किताब ‘अप्पा’ में इस दिलचस्प घटना का जिक्र मिलता है, जिसे तमिल लेखिका शिवशंकरी ने लिखा था और बाद में उनके बेटे जी.डी. गोपाल ने अपडेट किया।
मोटरबाइक ने बदली तकदीर!
नायडू का जीवन उस समय पूरी तरह बदल गया जब उन्होंने पहली बार एक मोटरबाइक देखी। इस बाइक के प्रति उनका इतना जुनून था कि उन्होंने इसे खोलकर देखा और फिर से असेंबल किया। यही वह लम्हा था, जिसने उनके अंदर के आविष्कारक को जागृत कर दिया।
इसके बाद उन्होंने ब्लेड-रेजर, इलेक्ट्रिक मोटर, फोटो-कॉपी मशीन, लो-कॉस्ट ऑटोमोबाइल और कई आधुनिक तकनीकों पर काम किया। उनकी गिनती देश के पहले ऑटोमोबाइल निर्माता के रूप में भी होती है।
माधवन की फिल्म से जीवंत होगी ‘भारत के एडिसन’ की कहानी!
आर माधवन, जो पहले ही ‘रॉकेट्री’ में इसरो वैज्ञानिक नंबी नारायणन की कहानी को जीवंत कर चुके हैं, अब ‘G.D.N.’ के जरिए जी.डी. नायडू की कहानी को बड़े पर्दे पर उतारेंगे। यह फिल्म भारतीय वैज्ञानिक इतिहास में एक भुला दिए गए नायक को फिर से दुनिया के सामने लाने का प्रयास होगी।
आखिर क्यों कहा जाता था उन्हें ‘भारत का एडिसन’?
- उन्होंने 100 से अधिक आविष्कार किए, जिनमें ऑटोमोबाइल, टेक्नोलॉजी, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिक्स शामिल थे।
- उन्होंने भारत की पहली इलेक्ट्रिक कार का निर्माण किया था।
- अपने आविष्कारों और प्रयोगों के चलते उन्हें ‘भारत का एडिसन’ कहा जाने लगा।
- उनके इनोवेशंस से प्रेरित होकर कई नामचीन हस्तियों ने उन्हें सम्मानित किया।













