कोप्पल: कर्नाटक के पूर्व सिद्धरमैया ने राज्य की भाजपा सरकार को ‘रिश्वत मुक्त’ बताते हैं पर शुक्रवार को भगवा दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर जोर उपाय। सिद्धरमैया ने कहा कि ऐसा विशाल भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख लोगों से झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि विधानसौध की रूपरेखा भी बताती है कि आपकी सरकार भ्रष्ट है। बता दें कि एक दिन पहले ही नड्डा ने कोप्पल में एक जनसभा में कहा था कि बीजेपी को छोड़कर सभी दल ‘कमीशन’ के लिए काम करते हैं।
‘लूट को छोड़कर कोई विकास कार्य नहीं हुआ’
कांग्रेस नेता सिद्धरमैया ने कोप्पल में एक जनसभा में कहा, ‘3.5 साल पहले राज्य में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद लूट को छोड़कर कोई विकास कार्य नहीं हुआ। नड्डा जी, आप झूठ बोलते हैं कि बीजेपी की सरकार ‘रिश्वत मुक्त सरकार’ है।’ उन्होंने नड्डा उस गुरुवार के बयान का मजाक उड़ाना कि फेसबुक के पास रिपोर्ट कार्ड के साथ जाता है। सिद्धरमैया ने कहा, ‘आप बीजेपी के नेताओं से लोगों के सामने रिपोर्ट कार्ड लेकर जाने को कहते हैं लेकिन आपने राज्य में कौन सा विकास किया है? उसके बाद भी, आप खुद को डबल इंजन वाली सरकार कहते हैं।’
‘कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन वाली सरकार’
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि कर्नाटक में 40 प्रतिशत कमीशन सरकार है जिसे राज्य में सभी जानते हैं। उन्होंने कहा कि सुपरनैचुरल एसोसिएशन के अध्यक्ष ने यह भी कहा था कि मंत्री 40 सदस्य कमीशन निर्णयते हैं। समान के नेता सिद्धरमैया उन्होंने कहा, ‘विधानसौध की पढ़ाई भी कानाफूसी कर रही है कि आपकी सरकार भ्रष्ट है। भर्ती, प्रमोशन और फिर से रिश्वत दी जाती है और ली जाती है। वे सिर्फ सरकारी योजनाओं में ही पैसे नहीं लेते हैं।’ सिद्धरमैया ने कहा कि सुपरस्टार संतोष पाटिल ने इस साल की शुरुआत में इसलिए खुदकुशी कर ली क्योंकि काम के लिए 40 प्रतिशत रिश्वत नहीं दे सका।
‘बीजेपी ने कर्नाटक में इसलिए बदला लें’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि पृष्ठ बसवराज बोम्मई और येदियुरप्पा के बीच परिणतियाँ पहुँच चुकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया, ‘येदियुरप्पा को नौकरी की कुर्सी से हटाकर बोम्मई को सिर्फ इसलिए लाया गया क्योंकि बीजेपी किसी को ऐसे चाहता था जो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इशारे पर चले गए।’ सिद्धरमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रमुख और गृह मंत्री अमित शाह को भ्रष्टाचार प्रमुख बताया और कहा कि उनके सामने लोगों को हाथ बांधकर खड़ा रहना है क्योंकि किसी में उनके सामने तनकर जीने की शक्ति नहीं है।