
बच्चों की बुनियादी शिक्षा को और बेहतर बनाने किया गया मंथन
UNITED NEWS OF ASIA. कवर्धा। नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व बीते गुरूवार को जिला मुख्यालय कवर्धा के शासकीय कन्या स्कूल में विकासखण्ड कवर्धा के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों के प्रचार्यो की एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्य रूप से जनपद पंचायत कवर्धा के उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र साहू उपस्थित थे। इसके अलावा बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी वाईडी साहू, सहायक संचालक महेन्द्र गुप्ता, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी संजय जायसवाल, बीआरसी जलेश चन्द्रवंशी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी अनिल केशरवानी, अनिल चन्द्रवंशी सहित बड़ी संख्या में विकासखण्ड कवर्धा के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं के प्राचार्यो ने अपनी उपस्थति दर्ज कराई।
इस अवसर उपस्थित प्राचार्यो व अधिकारियों को संबोधित करते हुए जनपद उपाध्यक्ष डॉ. वीरेन्द्र साहू ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा का जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। यह व्यक्ति के शैक्षणिक और सामाजिक जीवन की नींव रखती है। अगर बच्चों की नींव मजबूत होगी तो निश्चित ही उनका भविष्य अच्छा होगा और इस बात को ध्यान में रखते हुए हम सभी को अपने दायित्वों का निर्वाहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करना होगा। उन्होने कहा कि बच्चों के संपूर्ण विकास के उद्देश्य को दृष्टिगत रखते हुए ही हमारी सरकार द्वारा नई शिक्षा नीति के तहत नया शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूल के शिक्षकों को एफएलएन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि शिक्षक बच्चों को और भी बेहरतर ढंग से उनके बेहतर भविष्य के लिए तैयार कर सकें।
साहू ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा बच्चे को बुनियादी ज्ञान और कौशल प्रदान करती है, जैसे पढऩा, लिखना, और गणित जैसे जटिल विषयों को समझना। ये आधारभूत कौशल आगे की शिक्षा के लिए आवश्यक हैं। प्राथमिक शिक्षा बच्चे के मानसिक विकास को प्रोत्साहित करती है, इस स्तर पर बच्चे की जिज्ञासा और सृजनात्मकता को बढ़ावा मिलता है। प्राथमिक शिक्षा बच्चों के व्यक्तित्व का निर्माण करती है। यह आत्म-विश्वास, अनुशासन, और सामाजिक व्यवहार सिखाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
बच्चे स्कूल में सामाजिक कौशल सीखते हैं, जैसे दूसरों के साथ मिलजुल कर काम करना, सहयोग करना, और सहिष्णुता। यह उन्हें समाज का एक सक्रिय सदस्य बनाता है। उन्होने कहा कि अच्छी प्राथमिक शिक्षा से बच्चों के आगे के शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर बढ़ जाते हैं, जिससे वे भविष्य में बेहतर रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। इस स्तर पर बच्चों को नैतिकता, ईमानदारी, और सामाजिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती है, जो उनके चरित्र निर्माण में सहायक होती है। प्राथमिक शिक्षा के दौरान बच्चों को स्वास्थ्य, स्वच्छता, और पोषण के बारे में सिखाया जाता है, जिससे वे स्वस्थ जीवनशैली अपना सकते हैं। प्राथमिक शिक्षा जीवन कौशल सिखाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जैसे समस्या समाधान, निर्णय लेने की क्षमता, और तनाव प्रबंधन।
साहू ने कहा कि इस प्रकार, प्राथमिक शिक्षा का जीवन में बहुआयामी महत्त्व है। यह न केवल बच्चों को शैक्षिक सफलता दिलाती है, बल्कि उन्हें एक अच्छे और जिम्मेदार नागरिक बनने में भी मदद करती है। इसलिए, यह आवश्यक है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षा मिले और यह हम सब की बच्चों तथा समाज व देश के प्रति जिम्मेदारी है।
नए शिक्षा सत्र प्रारंभ होने के पूर्व व्यवस्था दुरूस्थ करने के निर्देश
बैठक में जनपद उपाध्यक्ष डॉ. विरेन्द्र साहू ने उपस्थित शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के प्राचार्यो से अपनी-अपनी शालाओं में सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरूस्थ करने के निर्देश दिए हैं। उन्होने कहा कि स्कूलों में आवश्यक मरम्मत कार्य, पेयजल व्यवस्था, मध्यान्ह भोजन व्यवस्था, पाठ्य पुस्तक, शाला गणवेश वितरण, शौचालय की व्यवस्था, विद्युत व्यवस्था आदि व्यवस्थित होनी चाहिए। ताकि बच्चों को शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो। उन्होने प्राचार्यो को हिदायत देते हुए कहा कि सभी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए अपने दायित्वों का बेहतर ढंग से निर्वाहन करें ताकि किसी को शिकवा शिकायत का मौका न मिल।
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