UNITED NEWS OF ASIA. रामकुमार भारद्वाज, कोंडागांव | कोंडागांव जिले के ग्राम गोलावंड में डायरिया रोकथाम अभियान के तहत लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHED) द्वारा चलाया जा रहा जनजागरूकता अभियान सार्थक सिद्ध हो रहा है। पूर्व वर्षों की भांति इस वर्ष भी गोलावंड को डायरिया संभावित क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया था, जहां अब तक 113 मामलों की पुष्टि हुई है। राहत की बात यह है कि कोई भी मृत्यु दर्ज नहीं की गई है।
समय पर कार्रवाई से स्थिति नियंत्रित
PHED कोंडागांव की मितलेश साहू, अमन श्रीवास्तव और सुहानी बक्शी की परियोजना समन्वयक टीम ने ग्रामवासियों और स्कूल के बच्चों के बीच जन-जागरूकता सभाएं आयोजित कीं। इन सभाओं में डायरिया के कारण, लक्षण और रोकथाम के उपायों पर सरल भाषा में जानकारी दी गई।
बच्चों को हाथ धोने की सही विधि, स्वच्छ जल के सेवन, शौच के बाद हाथ धोना, और खुले में शौच से होने वाले जोखिमों के बारे में विस्तार से बताया गया। टॉयलेट उपयोग और साफ-सफाई के महत्व को भी रोचक उदाहरणों के माध्यम से समझाया गया।
सकारात्मक परिणाम और सहयोग
जल स्रोतों के नमूनों की जांच में फिलहाल कोई बैक्टीरियल संक्रमण नहीं पाया गया है, जो अभियान की सफलता को दर्शाता है। PHED टीम ने स्पष्ट किया कि डायरिया से बचाव केवल दवा से नहीं, बल्कि स्वच्छ जीवनशैली अपनाकर भी किया जा सकता है।
ग्रामवासियों की जागरूकता में वृद्धि
गोलावंड के ग्रामीणों ने इस अभियान को सकारात्मक रूप से अपनाया है। उन्होंने स्वच्छ जल, व्यक्तिगत स्वच्छता और सामुदायिक सहयोग को जीवन का हिस्सा बनाने का संकल्प लिया। यह अभियान न केवल जलजनित रोगों की रोकथाम की दिशा में एक मजबूत पहल है, बल्कि स्वस्थ और जागरूक ग्राम निर्माण की दिशा में भी एक प्रेरणादायक उदाहरण बन चुका है।
गोलावंड का यह जनजागरूकता अभियान यह दर्शाता है कि समय पर प्रयास और सामुदायिक भागीदारी से किसी भी बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। जिले के अन्य ग्रामों के लिए यह एक मॉडल अभियान साबित हो सकता है।