
मोहन गार्डन ट्रिपल मर्डर: दिल्ली में आज सुबह लोगों को आंखे खोलते ही ट्रिपल मर्डर (ट्रिपल मर्डर) की दिल दहला देने वाली घटना के बारे में पता चला जिसमें घटना ने पहले तो अपनी पत्नी और दो निर्दोष बच्चों को तेज-धार वाले हथियार से काट कर उनकी जान ले ली और फिर अपनी जान लेने के लिए भी कलाई काट ली, लेकिन उसकी मौत नहीं हुई, बस अस्पताल में उसका इलाज जारी है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, सेंस ने सुबह होने से पहले ही अपने एक दोस्त को फोन किया और उसे अपनी आर्थिक तंगी के बारे में बताते हुए हत्या करने की जानकारी दी जिसके बाद सेंच के दोस्त ने अपने भाई और पुलिस को इसकी सूचना दी। इसकी सूचना पर तुरंत ही पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया, जबकि मृतकों के शव को अपने कब्जे में लेकर जाच शुरू कर दिया।
सेंच नहीं लेना चाहता था अपनी जान- मनोचिकित्सक
इस मामले में जब एबीपी लाइव की टीम ने सफदरजंग अस्पताल स्थित वर्धमान महावीर कॉलेज के विभाग के प्रोफेसर डॉ. मनुश्री गुप्ता से बात कर उनसे सनसनी की मनोस्थिति का अंदाजा लिया तो उन्होंने बताया कि इस मामले में ऐसा नहीं लगता कि शराब की जान लेना चाहता था। इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि सबसे पहले तो दंश ने ग्लब्स पहन कर अपनी पत्नी और बच्चों की हत्या की थी, जिससे यह पता चलता है कि ये सुनियोजित तरीके से की गई हत्या है। दूसरी बात यह है कि किसी की जान लेने के लिए बहुत हिम्मत चाहिए और उसके लिए हत्या करने वाले को बहुत बार डाक कर्मचारी है और जब वह पहली बार किसी की हत्या करता है, तो फिर उसके दिल से इस बात का डर निकल जाता है , और वो फिर बेधड़क हत्याएं कर सकते हैं। हत्या के कई अपराधियों के मामले पढ़ने से भी ऐसे मामले सामने आए हैं।
‘आरोपी ने की हत्या के तहत सुनियोजित योजना’
इस मामले का जिक्र करते हुए अंदर के मनोचिकित्सक ने बताया कि जब एक दुर्घटना एक के बाद एक हत्या कर दे तो वो अपनी जान भी बेजिजक ले सकता था एक मौत के बाद झिजक उसका नहीं होगा क्योंकि। ऐसा हो सकता है कि इन हत्याओं के बाद उनकी अंदर गिल्ट की भावना आएगी, जिसके बाद उन्होंने अपनी कलाई पर रोशनी कट मारी, क्योंकि वो अपनी जान नहीं लेना चाहेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसा हो सकता है कि उनके बीच कुछ इशूज रहे होंगे, जिसे लेकर उनके बीच झिझकते होंगे, इसलिए उन्होंने उनकी हत्या कर दी और फिर पुलिस से बच गए और लोगों की सहानुभूति पाने की नीयत से अपनी जान का संकेत दिया होगा . आख़िर में उन्होंने कहा कि अगर ये फ़ाइनेंशियल क्राइसिस की वजह से मानसिक तनाव में उठाया गया इंपलसिव स्टेप होता है तो वो ग्लब्स पहन कर इन हत्याओं को अंजाम नहीं देता है.
मानसिक तनाव होने पर लें मनोचिकित्सक की सलाह
साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई वित्तीय संकट गुजर रहा है, तो उन्हें घबराना नहीं चाहिए क्योंकि ये जीवन का एक फेज है, जो धीरे-धीरे गुजरेंगे। बस इसके लिए संयम और योजना कैसे से काम करने की जरूरत है। सबसे पहले कोशिश करें कि जितनी भी आय उसी के अनुसार खर्च करें। अगर फिर भी ऐसी कोई स्थिति उत्पन्न होती है तो दोस्तों-रिश्तेदारों से मदद लेने के लिए सही कदम उठाना होगा, ना कि कोई गलत कदम उठाना। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि इस कारण से कोई बहुत अधिक परेशानी होती है, तो उन्हें निश्चित ही मनोचिकित्सक की भी सहायता लेनी चाहिए।
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