
ह- कश्मीर
ह: जम्मू-कश्मीर में अधिकार प्रदेश सरकार ने हाल में शहरी संपत्ति टैक्स फिक्सिंग का ही ऐलान किया है जो 1 अप्रैल से लागू होगा। बीजेपी को छोड़कर सभी राजनीतिक दलों ने इस फैसले का विरोध किया है। संपत्ति टैक्स संबंधी सूचनाओं के अनुसार, दस्तावेज टैक्स के लिए टैक्स टैक्सेबल एनुअल फॉर्मूलेशन (टीएवी) का 5% और कॉमर्शियल प्रॉपर्टी के लिए 6 प्रतिशत। इसमें नगर की जमीन, पूजा स्थल, श्मशान-कब्रिस्तान, भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार के स्वामित्व वाले भ्रष्टाचार को छूट दी गई है।
वहीं, 1000 वर्ग फुट तक निर्मित क्षेत्र वाले छोटे घरों वाले सभी गरीबों, हाशिए पर रहने वाले लोगों को जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा इस साल अप्रैल से माना जाने वाले किसी भी संपत्ति कर का भुगतान करने की छूट दी गई है।
संपत्ति कर लगाने के लिए सभी का प्रदर्शन
जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने स्वतंत्र प्रांत में संपत्ति कर लगाने के प्रशासन के फैसले के खिलाफ आज प्रदर्शन किया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन ने आशिक प्रदेश में दुर्घटना की सूचना जारी की जो अगले वित्त वर्ष से प्रभावी होगी। बार के सदस्यों ने कहा कि ‘जन विरोधी’ निर्णय के खिलाफ जम्मू बार एसोसिएशन के आवेदनों ने बृहस्पतिवार को न्यायिक कार्य को प्रत्यावर्तन कर दिया।
उन्होंने कहा कि वे जम्मू-कश्मीर में संपत्ति कर लगाने की कड़ी निंदा करते हैं। बारबार का कहना है कि जम्मू-कश्मीर के लोग प्रशासन की ‘गलत गड़बड़ी’ की वजह से पहले ही वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उप राज्यपाल प्रशासन लगातार जम्मू-कश्मीर के लोगों पर हमला कर रहा है। वे संपत्ति कर लगाने के फैसले को जीते हुए वापस लेने की मांग की।
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