उत्तर प्रदेश समाचार: प्रयागराज (प्रयागराज) में संगम तट पर वार्षिक माघ मेला (माघ मेला 2023) का आयोजन होता है के दूसरे स्नान पर्व मकर संक्रांति (मकर संक्रांति 2023) पर रविवार को शाम चार बजे तक करीब 22 लाख ग्राहक गंगा और संगम में शामिल होते हैं। शनिवार को 14 लाख से अधिक लोगों ने यहां संगम स्नान किया था। इस प्रकार से दो दिनों में कुल 36 लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया। प्रयागराज फेयर अथॉरिटी के एक अधिकारी ने बताया कि रविवार को मकर संक्रांति पर शाम चार बजे तक करीब 22 लाख लोगों ने गंगा और संगम में स्नान किया। गंगा और संगम तट 14 घाटों पर सभी श्रद्धालुओं की भीड़ भोर चार बजे से ही बनी रही। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व, प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर पांच लाख से अधिक लोगों ने गंगा स्नान किया था।
क्या सीएम योगी ने कहा
साइट योगी आदित्यनाथ (सीएम योगी आदित्यनाथ) ने ट्वीट कर कहा है कि, प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसरों पर त्रिवेणी में स्नान का आकर्षण पाने वाले पूज्य संतों व सम्मानों का अभिनंदन! संक्रांति के अवसर पर अब तक 39 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने आस्था का प्रवेश किया है।पर्व के सकुशल प्राप्त करने की प्रशासन व प्रदेशवासियों को बधाई!
प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसर पर त्रिवेणी में स्नान का सौभाग्य पाने वाले पूज्य संतों व भक्तों का अभिनंदन!
संक्रांति के अवसर पर अब तक 39 लाख से अधिक अनुयायी आस्था पर चढ़ रहे हैं।
पर्व के शानदार संपन्न होने की वजह से प्रशासन व प्रदेशवासियों को बधाई!
– योगी आदित्यनाथ (@myogiadityanath) जनवरी 15, 2023
क्या कहा साधू-संतों ने
सनातन ज्ञान विद्या, कुरुक्षेत्र के धनंजय संदर्भ ब्रह्मचारी के अनुसार, यदि संक्रांति अर्धरात्रि या उसके बाद हो तो संक्रांति जनित पुण्य काल दूसरे दिन ही मनाना चाहिए। इस प्रकार उदया तिथि के अनुसार, मकर संक्रांति का पुण्यकाल 15 जनवरी को सूर्योदय से शुरू सायंकाल सूर्यास्त तक माना जाता है। उन्होंने कहा कि माघ मेले में शनिवार की तुलना में रविवार को कहीं और लोगों ने गंगा में स्नान किया। इससे दुर्घटना होती है कि ज्यादातर लोगों ने रविवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया।
काशी सुमेरू पीठाधीश्वर स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि पुराणों में संक्रांति को दुनिया का बताया गया दिन है और इस दिन किया गया सौ उदाहरण वापस मिलता है। इस दिन शुद्ध घिसाव और कंबल का दान मोक्ष की तलाश है। हर साल माघ मेला में अनुष्ठान के लिए आने वाले स्वामी अधोक्षजानंद देवतीर्थ जी महाराज ने कहा कि मकर संक्रांति के दिन ही गंगा जी भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनी के अजीज से होते हुए सागर में मिले थे।
सुरक्षा का विशेष अधिकार
माघ फेयर एडमिनिस्ट्रेशन के एक अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 14 घाट बनाए गए हैं जिनकी कुल लंबाई 6000 फुट से अधिक है। कंपेयर एरिया में गंदगी के लिए गंगा नदी पर पांच पांटून पुल बनाए गए हैं। माघ मेले में कुल 13 थाने और 38 पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। मेले में सुरक्षा व्यवस्था के लिए दो पुलिस अधीक्षक, तीन अवर पुलिस अधीक्षक, नौ क्षेत्राधिकारी और 5,000 शासित नियंत्रित किए गए। माघ मेले का अगला स्नान 21 जनवरी को मौनी अमावस्या, 26 जनवरी कोंत पंचमी, 5 फरवरी को माघी पूर्णिमा और 18 फरवरी को महाशिवरात्रि पर देगा जिससे माघ मेला मिलेगा।