मिलने के दौरान दोनों नेताओं ने गठबंधन को आगे ले जाने के तरीके और नई सरकार के लिए चर्चा की। शनिवार को हुई बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों को अपना दावा पेश करने के लिए बुलाने पर विचार कर रही हैं।
सीपीएन-माओइस्ट सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा से मिलने की और देश के अगले प्रधानमंत्री बनने की कथित तौर पर इच्छा जताई है। मिलने के दौरान दोनों नेताओं ने गठबंधन को आगे ले जाने के तरीके और नई सरकार के लिए चर्चा की। शनिवार को हुई बैठक इसलिए महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी सरकार बनाने के लिए राजनीतिक दलों को अपना दावा पेश करने के लिए बुलाने पर विचार कर रही हैं।
राष्ट्रपति भंडारी के प्रेस टीकाकार ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार को बताया, “राष्ट्रपति ने अभी तक कोई विशेष दिन निर्धारित नहीं किया है। हालांकि, वह जल्द ही बहुत से राजनीतिक दलों को दावा पेश करने के लिए बुलाएंगे।” किसी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के लिए प्रतिनिधि सभा में 275 सदस्यों की 138 सीटों की आवश्यकता है। लेकिन किसी भी पार्टी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त संख्या में सीट नहीं है। मतदाता गठबंधन के पास सीट बहुमत के आंकड़ों के आसपास है, लेकिन अब इस बारे में भी फैसला नहीं हुआ है कि कैबिनेट का नेतृत्व कौन करेगा।
देउबा के नेतृत्व वाली नेपाली कांग्रेस (NC) नवंबर में हुए चुनाव में 89 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी उभर कर सामने आई है। आरोपित गठबंधन के अन्य सहयोगियों ने मिलकर 47 सीटें हासिल की हैं। इनमें से CPN-माओइस्ट सेंटर (32), CPN-यूनिफाइड सोशलिस्ट (10), डेमोक्रेटिक समाजवादी पार्टी (4) और नेशनल जनमोर्चा के सदस्य हैं। नवगठित राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी (आरएसपी) ने भी सरकार गठन में नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले पांच दलों के गठबंधन को समर्थन देने की पेशकश की है।
20 नवंबर को हुए चुनाव में आरएसपी 20 सीटों के साथ चौथी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी। अखबार के अनुसार, नेपाली कांग्रेस के प्रवक्ता शरण महत ने कहा कि प्रचंड ने प्रधानमंत्री देउबा के साथ बैठक में पांच वर्ष के कार्यकाल के आरंभी वर्षों के लिए नेपाली कांग्रेस से प्रधान बनने के लिए अधिकृत रूप से समर्थन मांगा। नेपाल में 20 नवंबर को हुए चुनाव से पहले गठबंधन बनाने का समय देउबा और प्रचंड ने कथित तौर पर बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने के लिए एक समझौता किया था।
महत ने कहा कि यह अधिक स्वभाव होगा कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरती हुई नेपाली कांग्रेस सरकार का नेतृत्व करें। ‘हिमालयन टाइम्स’ अखबार की खबर के अनुसार, यह पूछे जाने पर कि क्या प्रचंड ने नया प्रधानमंत्री बनने के लिए देउबा से समर्थन मांगा है, CPN-माओइस्ट सेंटर के नेता नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा कि उन्होंने देउबा से जानना चाहा है कि वह कैसे आगे बढ़ना चाहते हैं। इस पर, देउबा ने जवाब दिया कि गठबंधन के सभी सहयोगियों को अपने संबंधित संगठन के भीतर निर्णय लेना चाहिए।
प्रचंड चुनाव से काफी पहले सार्वजनिक मंचों पर खुद को कार्यपालिका प्रमुख के तौर पर पेश करते रहे हैं। प्रधानमंत्री के एक करीबी सूत्र ने ‘द काठमांडू पोस्ट’ अखबार को बताया कि सोलह बार प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल देउबा ने प्रचंड को कोई निश्चित जवाब नहीं दिया। पूर्व प्रधानमंत्री के.पी.शर्मा ओली नीत सीपीएन-यू एमएल और इसके सहयोगी दलों के सदनों में 104 सदस्य हैं। कुछ दिन पहले प्रचंड ने कहा था कि अगली बार सरकार बनाने की कुंजी उनकी पार्टी के पास है।
अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।