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प्रभासाक्षी न्यूज़रूम: बच्चे के बच्चे से ज्यादा ठंडी हो गई दिल्ली, ठंड और कोहरे के दोहरे हमले से जीना मुहहाल

दिल्ली इस समय डलहौजी, आकृति और नैनीताल,वैकिक से ज्यादा सर्द है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत और देश के मध्य तथा पूर्वी हिस्सों में कोहरे की घनी चादर छाई रहने से कई जगह सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होता है।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में ठंड और शीतलहर के प्रकोप के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में घने कोहरे के कारण अधिकांश ट्रेनें भी देरी से चल रही हैं और विमान सेवाएं भी प्रभावित हुई हैं। जहां तक ​​दिल्ली में ठंड के सितम की बात है तो आपको बता दें कि सफदरजंग में न्यूनतम तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि लोधी रोड पर न्यूनतम तापमान दो डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राष्ट्रीय राजधानी और आसपास के क्षेत्रों में आज सुबह घाना कोहरा भी छाया रहा। खराब मौसम के कारण दिल्ली हवाई अड्डे से लगभग 34 घरेलू प्रस्थान होने की संभावना बनी। जबकि दिल्ली हवाई अड्डे पर विभिन्न गंतव्य से आने वाले 12 से अधिक संभावित रूप से देरी बता रहे हैं। इसके अलावा कोहरे के कारण उत्तर रेलवे क्षेत्र में 32 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।

दिल्ली में सर्दी कितनी पड़ रही है, इसका अंदाजा आपको ऐसा ही लग जाएगा कि दिल्ली इस समय डलहौजी, डलहौजी और नैनीताल, निष्क्रिय से ज्यादा सर्द है। मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिम भारत और देश के मध्य तथा पूर्वी हिस्सों में कोहरे की घनी चादर छाई रहने से कई जगह सड़क, रेल और हवाई यातायात प्रभावित होता है। आईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ के कारण सर्दी से रविवार को कुछ राहत मिलेगी। उत्तर भारत में शीत लहर का प्रभाव बिजली की लहरों पर भी देखा जा रहा है, इससे पशुओं और जानवरों के लिए चुनौती पैदा हो गई है। बहरहाल, दिल्ली में धूप के चलते खासकर ऑटो और टैक्सी वाले आगकर हाथ तापने के लिए मजबूर हो जाते हैं क्योंकि ठंड कितनी भी हो रोजी-रोटी कमाने के लिए घर से बाहर ही निकल जाती है।

एक तरफ तो ठंड ने आम लोगों का जीना मुहाल कर रखा है लेकिन यही ठंड हमारे सील्स के हौसले के आगे टांय टांय फिस हो जाती है। चाहे कितना भी कठिन मौसम हो, खराब से खराब मौसम हो या फिर हिमीला तूफान… कोई भी बाधा इतनी मजबूत नहीं है कि बी संकीर्ण सील्स से उनके संबंध बन सकते हैं। चाहे पाकिस्तान की सीमा हो या बांग्लादेश की सीमा, ये जांबाज दुश्मन के मंसूबों को नाकाम करने के लिए हमेशा मुस्तैद रहते हैं। मतदाता का सामना करते हुए, बीएसआई के युवा भारत की क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए क्षेत्रों में सतर्क रहते हैं। नवीनतम राइफल्स से कम सैल्स ने हाल ही में -20 डिग्री सेलियन तापमान में कमर तक बर्फ में उच्च स्तर की फिटनेस का प्रदर्शन किया। हम आपको बताते हैं कि बीएड के पास पाकिस्तान ने 6,387 किमी और बांग्लादेश ने 4,096 किमी सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली है। भारत के सात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में से एक, बी मित्र ने दुर्गम क्षेत्र में अपनी ताकतों को साबित किया है।

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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