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प्रभासाक्षी Exclusive: भारत-इटली के बीच गहरे रक्षा संबंध क्या संदेश और संकेत दे रहे हैं?

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि इटली के प्रधानमंत्री के साथ व्यापक बातचीत के बाद मीडिया को संदेश देते हुए मोदी ने भी कहा कि भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों लाभ के लिए हो सकते हैं।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के विशेष कार्यक्रम शौर्य पथ में पिछले इस सप्ताह ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी से जानना चाहते हैं कि भारत और इटली ने रक्षा सहयोग पर नया अध्याय शुरू किया है। इससे भारत को क्या लाभ होगा? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली के प्रधानमंत्री ज्योर्जिया मेलोनी के साथ व्यापक वार्ता के बाद घोषणा की है कि भारत और इटली ने अपने अनुमानों को रणनीतिक स्थिति तक ले जाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल प्रधानमंत्री फिर जाने के बाद अपनी पहली दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर भारत पहुंच मेलोनी ने यह भी घोषणा की है कि इटली हिंद-प्रशांत महासागर पहल में शामिल हो रहा है क्योंकि दोनों देश अनावर्तन की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इटली के प्रधानमंत्री के साथ व्यापक बातचीत के बाद मीडिया को संदेश देते हुए मोदी ने यह भी कहा कि भारत में सह-उत्पादन और सह-विकास के क्षेत्र में नए अवसर खुल रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभ हो सकते हैं। मोदी ने इतालवी राजनेताओं को ‘मेक इन इंडिया’ में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मोदी ने कहा कि भारत और इटली दोनों देशों के सशस्त्र बलों के बीच संयुक्त अभ्यास और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का भी फैसला किया है।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) श्री डीएस त्रिपाठी ने कहा कि दोनों पक्षों ने आंकड़े और मानव तस्करों का मुकाबला करने के लिए काम करने पर भी सहमति व्यक्त की। इसके अलावा भारत और इटली आतंकवाद और असमंजस जैसे मुद्दे पर कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं। मोदी और मेलोनी ने भारत और इटली के बीच ‘स्टार्ट-अप ब्रिज’ स्थापित करने की भी घोषणा की है। इसके अलावा दोनों देशों ने अक्षय ऊर्जा, हरित ईमेल, सूचना और प्रौद्योगिकी, अर्धचालक, दूरसंचार, अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष जोर दिया। दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई और अस्पष्टता का स्वागत किया। दोनों नेताओं ने संबद्ध सेंसिंग, उपग्रह संचार, चंद्र पुश्ता, गुरुत्वाकर्षण का पता लगाना और इसरो और एएसआई इटली के बीच अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के ज्ञान निगम जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान अनुसंधान क्षेत्रों में संयुक्त परियोजना की व्यापक क्षमता का अधिकार लिया।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 में दक्षिण भारतीय तट के पास निहत्थे मछुआरों की कथित तौर पर हत्या के लिए दो इतालवी नौसैनिकों को जेल देने के नई दिल्ली के कदम और वीवीआईपी के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर लेने के बारे में डील के बाद इटली और भारत के बीच समझाइश में खटास आ गया था। लेकिन इस मुलाकात को नई गर्माहट दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत और इटली ने प्रवासन और प्रवेश पर एक आशय पत्र पर भी हस्ताक्षर किए, एक स्टार्ट-अप ब्रिज की स्थापना की घोषणा की और रवींद्र भारती विश्वविद्यालय, कोलकाता और इतालवी महावाणिज्य दूतावास के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

 


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