पाकिस्तान कीखबरें: पाकिस्तान कांगाली के दौर से गुजर रहा है। जीवन से जुड़ी हर चीज खतरनाक हो रही है। आटा, अनाज, पेट्रोल जैसी चीजों के बाद अब दवाओं के दाम भी और बढ़ गए हैं। हालत यह है कि ऐसे समय में जबकि पाकिस्तान में भी वायरल बुखार के मरीज का मौसम बदलने की वजह से बढ़ रहे हैं, ऐसे में पारासिटामोल समेत 20 खतरनाक दवाएं हो गई हैं।
पाकिस्तानवादी में शहबाज सरफराज कैबिनेट आर्थिक समन्वय समिति ने 20 जरूरी औषधियों की आड़ में वृद्धि को अपना अनुमोदन दिया। एक बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार के साथ हुई ईसीसी की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया। ईसीसी ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा, बनते और सहयोग मंत्रालय की संस्तुति पर दवा शुल्क वैकल्पिक समिति (डीपीसी) की बदलती 18 नई दवाओं के अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) के रूप में दी गई है।
पाकिस्तान पहली बार पैरासिटामोल दवा की कीमत कितनी थी
पाकिस्तान कैबिनेट की आर्थिक समन्वय समिति ने पेरासिटामोल उत्पादों के अधिकतम मानदंडों को बदलने की भी मंजूरी दी है। दरअसल, पैरासिटामोल का उपयोग बुखार, दर्द जैसी सामान्य बीमारियों के उपचार में किया जाता है। यह पूरी दुनिया में सबसे अधिक बिकने वाली दवा भी है। पाकिस्तान में पैरासिटामोल को सरकारी नियंत्रण में रखा गया है। ऐसे में इस दवा की कीमत में बिना सरकारी अनुमति के नहीं की जा सकती है।
पाकिस्तान में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है
पाकिस्तान स्वास्थ्य सेवाओं से सबसे खराब देशों में से एक है। यहां के शहरों में बनी सरकारी व्यवस्था में बुनियादी सुविधाओं की खराब तरह की कमी है। जबकि हर समय भारी भीड़ लगी रहती है। इस कारण लोगों को समय पर उचित इलाज नहीं मिल पाता।
वहीं, गरीब अवाम के पास इतना पैसा नहीं है कि वे निजी विवादों में भारी भरकम बिल की अदायगी कर उपचार करवा सक्षम हैं। पाकिस्तान के ग्रामीण इलाकों में विपरीत भौगोलिक स्थिति और वायरल आबादी के कारण अस्पताल काफी कम संख्या में दिए गए हैं। अधिकतर ग्रामीण क्षेत्रों में चंदन की आम बीमारियों का ही उपचार किया जाता है।