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राम मंदिर निर्माण पर भागवत के बयान से सियासी घमासान, भूपेश बघेल ने किया कड़ा विरोध

UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के राम मंदिर निर्माण के बाद आजादी मिलने वाले बयान पर सियासी घमासान मच गया है. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जरिए कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ भाजपा पर हमला बोला है. भूपेश बघेल ने कहा कि मोहन भागवत का यह बयान स्पष्ट करता है कि वे संविधान को नहीं मानते हैं. यह बयान आजादी की लड़ाई लड़ने वाले लाखों भारतीयों का अपमान है. 

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा के साथ प्रेस वार्ता में संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर कहा यह स्पष्ट करता है कि वो संविधान को नहीं मानते हैं. राहुल गांधी ने कर इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि अगर यह बात दुनिया के किसी दूसरे देश में कही गई होती तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुका होता, उसे गिरफ्तार कर लिया गया होता, लेकिन दुर्भाग्य से ऐसा नहीं हुआ.

मोहन भागवत और उनके संगठन के लोग संविधान के बारे में समय-समय पर बयान देते रहते हैं इससे स्पष्ट हो जाता है कि वो संविधान को नहीं मानते, संविधान को बदल देना चाहते हैं. उनके सांसदों ने भी कहा कि हम संविधान बदलेंगे. इनको 52 साल लगा तिरंगा को अंगीकार करने में. आरएसएस का इतिहास आप सब जानते हैं कि जब लाखों भारतीय अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे, तो ये उनके भागीदार के रूप काम कर रहे थे.

भूपेश बघेल ने कहा कि ये हिटलर और मुसोलिनी के विचारों को मानने वाले लोग हैं, उस रास्ते पर चलने वाले लोग हैं. यह असहमति को भी बर्दाश्त नहीं कर सकते. उनको कुचल देना चाहते हैं, दबा देना चाहते हैं, इस विचारधारा के लोग हैं. दरअसल, यह सरकार आरएसएस की सरकार है. क्योंकि संविधान में न्याय की बात है, समानता की बात है, लोकतंत्र की रक्षा करने की बात है, और RSS इन विचारों को मानती नहीं और वहीं काम लगातार भारतीय जनता पार्टी की सरकार लगातार कर रही है. इनका पक्षपाती एजेंडा से देश क्या, दुनिया भली-भांति परिचित हो चुकी है.

अभी राहुल गांधी ने बयान दिया, उसको तोड़-मरोड़ कर ये लोग गलतबयानी कर रहे हैं. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 12 में राज का अर्थ उसके संस्थानों के रूप में परिभाषित की गई है. अब जितने भी जो न्याय, समानता और लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी इन संस्थानों की है, उस पर ये लोग कब्जा कर लिए हैं. जिस प्रकार से ED, IT, CBI का दुरूपयोग हो रहा है. इसलिए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी लड़ाई इन संगठनों से भी है, स्टेट का मतलब ही यही है.

इसलिए जो हमारी लड़ाई है, केवल RSS या BJP से नहीं, बल्कि जो संगठन को कब्जा कर लिए हैं, जो हमें न्याय दिलाती है, जो हिंदुस्तान की जनता को न्याय दिलाती है, उस पर कब्जा कर लिए हैं उसके खिलाफ भी हमारी लड़ाई है, और इसको लगातार ये लोग दूसरे ढंग से परिभाषित करने के दूसरे ढंग से व्याख्या करने के कोशिश कर रहे हैं. जो निंदनीय है. कम से कम RSS और BJP के लोग कांग्रेस के कार्यकर्ताओं-नेताओं को देशभक्ति का पाठ ना पढ़ाएं. हमें ना सिखाएं कि देशभक्ति क्या है.

भूपेश बघेल ने अंत में कहा कि राहुल गांधी का दृष्टिकोण है, लोकतांत्रिक है, समावेशी है, न्यायपूर्ण है. ये जो मूल सिद्धांत है, उसको लेकर आगे बढ़ रहे हैं, और इन सिद्धांतों के खिलाफ जो भी होगा, या जो भी रोड़ा अटकाएगा, उसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी और हमारे नेता राहुल गांधी लड़ाई लड़ते रहेंगे.

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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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