
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के “महाराष्ट्र चुनाव में मैच फिक्सिंग” वाले बयान ने नया सियासी बवाल खड़ा कर दिया है। शनिवार को एक हिंदी और एक अंग्रेजी दैनिक में छपे लेख में राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया और निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग को निशाने पर लिया। इसके बाद एनडीए के नेताओं ने तीखा पलटवार करते हुए राहुल गांधी पर लोकतंत्र के अपमान का आरोप लगाया।
अश्विनी चौबे का निशाना:
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा,
“राहुल गांधी बिल्कुल भी गंभीर नेता नहीं हैं। जिस राज्य में वे चुनाव जीतते हैं, वहां ईवीएम और आयोग ठीक लगते हैं, और जहां हारते हैं, वहां सब कुछ गड़बड़ दिखाई देता है।”
उन्होंने यह भी कहा कि अगर सभी संवैधानिक संस्थाएं राहुल गांधी को गलत लगती हैं, तो शायद वे सिर्फ तभी संतुष्ट होंगे जब उन्हें ही इनका मुखिया बना दिया जाए।
केसी त्यागी ने कहा – ‘पराजय स्वीकार कर ली है’
जेडीयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा,
“राहुल गांधी ने बिहार में अपनी पराजय स्वीकार कर ली है। पिछले 35 वर्षों से कांग्रेस का वहां कोई जनाधार नहीं है। अब तो दहाई का आंकड़ा पार करना भी उनके लिए कठिन हो गया है।”
शिवसेना नेता शंभूराज देसाई का तंज
महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और शिवसेना नेता शंभूराज देसाई ने कहा,
“राहुल गांधी को लोकतंत्र का आदर करना सीखना चाहिए। जब उन्हें जीत मिलती है तो सब कुछ ठीक लगता है, और जब जनता उन्हें नकार देती है, तो वे ‘फिक्सिंग’ की बात करते हैं।”
उन्होंने सवाल किया कि यदि कांग्रेस की कुछ जगहों पर सरकार बनी है, तो क्या वहां भी फिक्सिंग हुई थी?
एसपी सिंह बघेल बोले – ‘नाच न जाने आंगन टेढ़ा’
भाजपा नेता एसपी सिंह बघेल ने राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा,
“हमारे 11 वर्षों में जितना विकास हुआ है, उतना पिछले 65 साल में नहीं हुआ। राहुल गांधी को बार-बार हार का सामना इसलिए करना पड़ रहा है क्योंकि वे जनता के मुद्दों को नहीं समझते।”
क्या है पूरा मामला?
राहुल गांधी ने अपने हालिया लेख में दावा किया कि महाराष्ट्र चुनाव के दौरान “चुनावों में धांधली और मैच फिक्सिंग” हुई है। उन्होंने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए, जिससे सियासी पारा चढ़ गया। एनडीए नेताओं ने इसे जनादेश का अपमान और लोकतांत्रिक संस्थाओं की छवि खराब करने की कोशिश करार दिया।
राहुल गांधी के ‘मैच फिक्सिंग’ बयान ने चुनाव परिणामों के बाद भी सियासी हलकों में गरमी बनाए रखी है। जहां एनडीए इसे जनता के निर्णय का अपमान मान रहा है, वहीं कांग्रेस इसे चुनाव प्रक्रिया की समीक्षा बताकर खामोश नहीं बैठने का संकेत दे रही है।
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