
UNITED NEWS OF ASIA. डोंगरगढ़ | फिल्मों में अक्सर दिखने वाले लूट के सीन को असल जिंदगी में उतारने की नाकाम कोशिश डोंगरगढ़ में देखने को मिली, जहां एक बैंक कलेक्शन एजेंट ने कर्ज से छुटकारा पाने के लिए खुद ही लूट की साजिश रच डाली। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच ने उसकी झूठी पटकथा का पर्दाफाश कर दिया।
घटना की कहानी
इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक में कलेक्शन एजेंट के रूप में कार्यरत मयूर कुमार अडमे ने बोरतलाव थाना पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज करवाई कि महाराष्ट्र से वसूली कर लौटते वक्त चेन्द्री माता मंदिर के पास नकाबपोश बदमाशों ने उसे घेरकर 2 लाख रुपये, बाइक, मोबाइल, सोने की बाली और चांदी का ब्रेसलेट लूट लिए।
जांच में सामने आया सच
पुलिस ने जब डोंगरगढ़-बोरतलाव रोड पर लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की तो कहीं भी लूट जैसा दृश्य सामने नहीं आया। कॉल डिटेल और तकनीकी साक्ष्य के आधार पर जांच की दिशा बदलते हुए पुलिस ने मयूर पर संदेह जताया। जब उससे कड़ाई से पूछताछ की गई, तो वह टूट गया और लूट की कहानी झूठी निकली।
कैसे रचा गया लूट का नाटक?
मयूर पर काफी कर्ज था, और उससे राहत पाने के लिए उसने वसूली की रकम 2 लाख रुपये को काले कपड़े में बांधकर घर के आंगन में छिपा दिया। बाइक और अन्य सामान बोरतलाव ओवरब्रिज के नीचे छिपा दिया गया ताकि पुलिस को यकीन हो जाए कि लूट सच में हुई है।
पुलिस ने की तत्पर कार्रवाई
पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लूटी गई पूरी रकम, बाइक और अन्य सामग्री बरामद कर ली है। आरोपी मयूर कुमार अडमे के खिलाफ धोखाधड़ी व झूठी सूचना देने के मामले में कार्रवाई की जा रही है।
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