














UNITED NEWS OF ASIA. बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण के मामलों को लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। ताजा मामला बिलासपुर जिले के मोपका क्षेत्र का है, जहां प्रार्थना सभा की आड़ में धर्मांतरण का आरोप लगने के बाद हिंदू संगठनों और पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई की। पुलिस ने दो घरों में दबिश देकर संदिग्ध गतिविधियों को रोका और मौके से चार लोगों को हिरासत में लिया है।
गुप्त सूचना के आधार पर हुई कार्रवाई
सरकंडा पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग गुप्त रूप से धर्मांतरण गतिविधियों में लिप्त हैं और प्रार्थना सभा के माध्यम से लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित कर रहे हैं। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर जब जांच की तो वहां से धर्म विशेष से जुड़ी कई किताबें और प्रचार सामग्री बरामद की गईं। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है।
मस्तूरी में भी सामने आया था मामला
गौरतलब है कि इससे पहले शनिवार को बिलासपुर के मस्तूरी थाना क्षेत्र के लवार गांव में भी धर्मांतरण का मामला सामने आया था। यहां हिंदू संगठनों की शिकायत पर पुलिस ने छापा मारा, जहां रवि कैवर्त नामक व्यक्ति के घर में बड़ी संख्या में महिलाएं प्रार्थना सभा में शामिल थीं। पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ कि बीमार और गरीब लोगों को पैसों और अन्य प्रलोभनों के जरिए धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया जा रहा था।
आरोपियों पर होगी सख्त कार्रवाई
बिलासपुर एडिशनल एसपी उदयन बेहार ने बताया कि मस्तूरी में धर्मांतरण निषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।
छत्तीसगढ़ में लगातार सामने आ रहे धर्मांतरण के मामलों को देखते हुए पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया है। इस तरह की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए विशेष अभियान भी चलाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी प्रकार के अवैध धर्मांतरण को रोका जा सके।
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