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बिहार के सपरा जिले में जहरीली शराब से 80 लोगों की मौत हो गई थी
पुलिस ने इस मामले को सुलझाने का दावा किया है
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए पांच नामों को गिरफ्तार किया है
छपरा। बिहार की सपरा पुलिस ने जिले में जहरीली शराब कांड का खुलासा करने का दावा किया है। प्रतिबंधित होमियोपैथी दवाओं के पीछे 80 लोगों की मौत के पीछे खेप को खपाने का खेल सामने आया है। पुलिस ने आशुआपुर के डोईला गांव में दस्तावेज़ कर भारी मात्रा में प्रतिबंधित दवाओं के खेप को बरामद किया है. एसपी संतोष कुमार ने इस कांड का खुलासा करते हुए होम्योपैथिक दवाओं के इस्तेमाल से इस घटना का दावा किया है और इस मामले में पांच जालसाजों को गिरफ्तार किया गया है।
गिरफ्तार लोगों में संजय महतो, शैलेंद्र राय ,सोनू कुमार गिरी ,अर्जुन महतो ,और राजेश सिंह बिल्कुल डॉक्टर का नाम शामिल हैं। राजेश सिंह खुद डॉक्टर जलालपुर थाना क्षेत्र के नूरनगर गांव का रहने वाला बताया जा रहा है जो होम्योपैथिक दवाओं में मिलावट कर शराब की आपूर्ति कर रहा था। दोषीबों की तारीख 13 और 14 दिसंबर को इसुआपुर और मशरख और आस-पास के इलाकों में जहरीली शराब पीने से कई लोगों की संदिग्ध आशंका में मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि राजेश सिंह द्वारा विभिन्न होम्योपैथिक दवाओं और रसायनों को उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों से सारण जिले में परिवहन एवं अन्य माध्यमों से फर्जी नाम और पता पर मंगाया गया तथा इसे शराब का निर्माण कर आपूर्ति की गई की गई थी।
राजेश सिंह और उनके सहयोगी सोनू गिरी एक स्कॉर्पियो से होम्योपैथिक दवा ले गए शराब का निर्माण करते थे उसकी आपूर्ति भी करते थे। जांच में यह सामने आया है कि राजेश सिंह हरियाणा में आरोप कंपाउंडर काम करता था और वहां स्प्रीट और होम्योपैथिक दवा से शराब बनाने का गुर सीखकर गांव में आया था और यहां शराबबंदी के बाद यह धंधा कर रहा था। राजेश सिंह के सहयोगी संजय महतो भी शराब पीकर बीमार हो गए थे जिनके घर इसुआपुर के डोईला में जब जांच की गई तो कई तरह की होम्योपैथिक दवा और रसायन की सैकड़ों जारी हुई।
इसके बाद पुलिस को इस पूरे मामले में एक नया एंगल मिला। जब जांच की गई तो होम्योपैथिक दवा से शराब निर्माण के काले धंधे का खुलासा हुआ। संजय महतो के निशानदेही पर जीरा होम्योपैथिक दवाओं की जांच के लिए विधी विज्ञान नियामकों को भेजा गया है। इस मामले में अवैध स्प्रिट आपूर्ति और अन्य मामलों में राजेश और शैलेंद्र राय कई बार जेल जा चुके हैं लेकिन जेल से छूट के बाद हर बार यह फिर इसी काम में शामिल हो जाते थे। इस कांड में संजय महतो शराब पीकर बीमार होने के बाद निजी अस्पताल में इलाज कराकर स्वस्थ घर लौटाते हैं जिसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
एस की आईटी टीम द्वारा संजय महतो से सघन पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान एक ही खुलासा हुआ कि डॉक्टर अर राजेश और शैलेंद्र राय और उनके अन्य सहयोगी होम्योपैथिक दवा और रसायन की समुद्र लाकर शराब का निर्माण करते हैं और विभिन्न विक्रेताओं के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में उसका वितरण किया जाता है। पूछताछ में यह भी बात सामने आई है कि राजेश सिंह उर्फ डॉक्टर द्वारा पूर्व से ही होम्योपैथिक दवा और रसायन में चीनी जलाकर उसे भूरा रंग दिया गया था और अंग्रेजी शराब के किनारे पर डाला गया था।
एसपी ने इस घटना के उद्भेदन में एसआईटी टीम के सीधे पोओ सोनपुर अंजनी कुमार और पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय सौरभ जायसवाल सहित टीम के सभी सदस्यों को अलग-अलग पहचान करने की घोषणा की है और कहा है कि तकनीकी पेशेवर जांच पर आधारित यह कार्य काफी बेहतर तरीके से किया गया है।
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प्रथम प्रकाशित : 23 दिसंबर, 2022, 20:07 IST