
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे सीमा तनाव और हालिया सीजफायर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ फोन पर बातचीत में पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि “अगर पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी होगी, तो भारत की ओर से गोले बरसेंगे।” सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह बातचीत दोनों देशों के बीच हालिया सीमा संघर्ष और तनाव कम करने की संभावनाओं पर केंद्रित थी।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया था। बातचीत में पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि पाकिस्तान ने उकसावे की कार्रवाई की, तो भारत उसका करारा और ठोस जवाब देगा।
भारत की नीति: संयम की पहल, पर जवाब उसी की भाषा में
बातचीत के दौरान भारत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि यदि पाकिस्तान सीमा पर शांति बनाए रखता है, तो भारत भी संयम बरतेगा। लेकिन किसी भी प्रकार के उकसावे या हमले की स्थिति में भारत चुप नहीं बैठेगा। सूत्रों ने बताया कि “भारत ने सीजफायर किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी शर्तों पर किया है।”
अमेरिकी पहल और कूटनीतिक चर्चाएं
जेडी वेंस की पीएम मोदी से बातचीत के बाद उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भी चर्चा की। इसके अलावा अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी फोन पर बात की। हालांकि, अमेरिकी पक्ष ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य कोई ‘विकल्प निकासी’ (off-ramp) प्रस्तावित करना नहीं था, बल्कि तनाव को शांतिपूर्वक संभालने पर चर्चा करना था।
पाकिस्तान की हकीकत: दो दिन में घुटने टेकने को मजबूर
सरकारी सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने भले ही सीजफायर को अपनी ‘राजनयिक सफलता’ के रूप में पेश किया हो, लेकिन सच्चाई यह है कि भारत के सख्त रुख के बाद वह दो दिनों के भीतर ही पीछे हटने पर मजबूर हुआ। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब हर उकसावे का जवाब उसी तीव्रता से दिया जाएगा।
कश्मीर पर फिर अमेरिका की मध्यस्थता की पेशकश, भारत ने ठुकराया
उधर, पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता की संभावित पहल का स्वागत किया है। इस्लामाबाद ने इसे “दक्षिण एशिया की स्थिरता के लिए गंभीर विषय” बताया। लेकिन भारत ने दोहराया कि वह कश्मीर पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता, क्योंकि यह एक द्विपक्षीय मुद्दा है।
भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि वह शांति का पक्षधर है, लेकिन सुरक्षा और संप्रभुता के मुद्दों पर किसी भी तरह की ढील नहीं दी जाएगी। अमेरिका समेत वैश्विक समुदाय को यह संदेश साफ है कि भारत अब पुराने रवैये से आगे बढ़ चुका है—जहां हर गोली का जवाब गोले से दिया जाएगा।
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