
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुएल गोंकाल्वेस लौरेंसो के बीच शनिवार को नई दिल्ली स्थित हैदराबाद हाउस में एक ऐतिहासिक उच्चस्तरीय बैठक संपन्न हुई। इस मुलाकात ने न केवल भारत-अंगोला संबंधों को नई ऊर्जा दी, बल्कि ‘ग्लोबल साउथ’ की साझा आकांक्षाओं को मजबूती से आगे बढ़ाने का संकल्प भी दोहराया।
अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता पर भारत से बधाई
प्रधानमंत्री मोदी ने अंगोला को अफ्रीकी संघ की अध्यक्षता संभालने पर बधाई देते हुए कहा, “भारत और अंगोला के औपचारिक संबंध 40 वर्षों के हैं, लेकिन हमारे ऐतिहासिक रिश्ते इससे कहीं पुराने और गहरे हैं। जब अंगोला ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया, भारत ने मित्रता और निष्ठा के साथ उसका समर्थन किया।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता मिलना वैश्विक समावेशिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने अफ्रीकी देशों के साथ भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हम उपनिवेशवाद के खिलाफ एक साथ खड़े हुए थे, और आज हम ‘ग्लोबल साउथ’ की आकांक्षाओं के लिए एकजुट हैं।”
भारत-अफ्रीका संबंधों में नया विस्तार
प्रधानमंत्री ने साझा किया कि बीते दशक में भारत और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार लगभग 100 मिलियन डॉलर तक पहुंच चुका है। उन्होंने पहले भारत-अफ्रीका नौसैनिक समुद्री अभ्यास की सफलता और रक्षा तथा समुद्री सुरक्षा सहयोग को भविष्य के लिए सकारात्मक संकेत बताया।
भारत ने अब तक अफ्रीका में 17 नए दूतावास खोले हैं, और 12 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन के साथ 700 मिलियन डॉलर की अनुदान सहायता भी प्रदान की है। इसके अलावा, आठ देशों में व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं, और पाँच देशों के साथ डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना साझेदारी चल रही है।
आपदा में साथी, तकनीक में भागीदार
मोदी ने कहा कि भारत हर आपदा के समय अफ्रीकी देशों के साथ खड़ा रहा है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि भारत अंगोला की सशस्त्र सेनाओं को प्रशिक्षण देगा और डिजिटल तकनीक, अंतरिक्ष विज्ञान और क्षमता निर्माण में सहयोग बढ़ाएगा।
स्वास्थ्य, हीरा प्रसंस्करण, उर्वरक और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में साझेदारी को भी प्राथमिकता दी जाएगी। साथ ही, योग और बॉलीवुड की लोकप्रियता को सांस्कृतिक संबंधों की मजबूती का प्रतीक बताते हुए उन्होंने यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करने की घोषणा की।
अंगोला का भारत के प्रति सम्मान और निवेश आमंत्रण
राष्ट्रपति लौरेंसो ने भारत के प्रति सम्मान और मित्रता व्यक्त करते हुए कहा, “भारत विज्ञान, तकनीक और संस्कृति के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व कर रहा है। अंगोला भारत के साथ ऐसे सहयोग की आकांक्षा रखता है जो आम नागरिकों के जीवन को प्रभावित करे।”
उन्होंने कृषि, वित्त, स्वास्थ्य, रक्षा, शिक्षा, आईटी, ऊर्जा और खनिज संसाधन जैसे क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता देने की बात कही और भारतीय निवेशकों से अंगोला में सीधे निवेश की अपील करते हुए कहा कि देश में निवेश के लिए आकर्षक अवसर और अनुकूल माहौल मौजूद है।
नया अध्याय, नई ऊर्जा
भारत और अंगोला की यह बैठक न केवल द्विपक्षीय संबंधों को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि एक समावेशी, सशक्त और टिकाऊ वैश्विक भविष्य के निर्माण में दक्षिणी देशों की एकजुट भूमिका को भी दर्शाती है।
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