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पीएम मोदी अपने जिम्मेवार क्षेत्रों को देने जा रहे सौर ऊर्जा परियोजना की शुरुआत करेंगे

पीएम धार्मिक यात्रा पथ के पुनर्निर्माण का उद्घाटन काशी में दर्शन के साथ ही धार्मिक रूप की मान्यता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे ही 3 अंतर्गृही यात्रा पथ के पुनर्निर्माण का उद्घाटन 24 मार्च को अपने जिलों के दौरे में करेंगे।

वाराणसी। जलकल विभाग जल वितरण के साथ ही अब बिजली का भी उत्पादन करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजना का उद्घाटन 24 मार्च को करने जा रहे हैं। दो पूर्ण प्रतिदिन बिजली उत्पादन करने से जल विभाग का बिजली का बिल 30 प्रतिशत कम हो जाएगा। इस परियोजना की लागत 17.24 करोड़ रुपए है। इसके अलावा प्रधानमंत्री काशी की पौराणिक मान्यता 3 अन्तर्गृही यात्रा के पथ के पुनर्निर्माण की लोकार्पण भी करेंगे। नवरात्रि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन सुविधा से जुडी 1,779.66 करोड़ की 28 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

उत्तर प्रदेश में विकास की धारा के साथ योगी सरकार सभी सरकारी जुड़ाव को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। वाराणसी के जलकल विभाग में सौर ऊर्जा को लेकर अपरिष्कृत काम हुआ है, जिससे जलकल विभाग सिर्फ बिजली ही नहीं, बल्कि बिजली को भी बेचेगा। जल निगम के अधिशासी अभियन्ता शहरोज़ के मित्र ने बताया कि इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 17.24 करोड़ रुपए है। इसमें 14,400 वर्ग मीटर में करीब 3700 से अधिक सोलर पैनल लगे हुए हैं। इसमें 40 सोलर ट्री हैं। एक सोलर ट्री पर 10 सोलर पैनल लगे होंगे। यहां सौर ऊर्जा से कुल 2 बिजली का उत्पादन होगा। सोलर पैनल से प्रतिदिन औसत 9000 यूनिट बिजली पैदा होगी, जिसकी कीमत लगभग 72,000 होगी, जो कार्ड में जाने के बाद विभाग के नियमों के अनुसार बिल का समायोजन करेगा। उन्होंने बताया कि सोलर एनर्जी पर खर्च हो रहा है, 6 से 7 साल में निकलेगा।

प्रधानमंत्री धार्मिक यात्रा पथ के पुन:विकास का उद्घाटन करेंगे

काशी में दर्शन के साथ ही धार्मिक रूप की पौराणिक मान्यता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे ही 3 अंतर्गृही यात्रा पथ के पुनर्निर्माण का उद्घाटन 24 मार्च को अपने जिलों के दौरे में करेंगे। पूर्व की स्थिति के साथ न देने से समय के साथ गुम और बदहाल होते हैं काशी के पौराणिक महत्व के मंदिरों को योगी आदित्यनाथ की सरकार फिर से जीवित कर रही है। भगवान शंकर के त्रिशूल के आकार के समरूप काशी तीन नियमों में बसी है। जिसे विशेश्वर खंड, केदारेश्वर खंड और ओंकारेश्वर खंड के नाम से जाना जाता है। काल्पनिक मिथकों के करीब 301 मंदिर मौज़ूद हैं। सनातन धर्म को मान्यता देने वाले इन संबंधों की अंतरगृही परिक्रमा करते हैं। ऐसी मान्यता है की इस यात्रा से विशेष पुण्य फल प्राप्त होता है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार तिकड़ी अंतरगृही दिखाई देने वाले देवस्थलों और मंदिर परिसर का 3.08 करोड़ में जीर्णोद्धार कर दिया है। इन बताए गए मंदिरों पर लिखे गए नामों के साथ ही क्यूआर कोड भी मौजूद है, जिससे मंदिरों की पूरी जानकारी मिल सकती है।

अस्वीकरण:प्रभासाक्षी ने इस खबर को निराशा नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआइ-भाषा की भाषा से प्रकाशित की गई है।



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Saurabh Namdev

| PR Creative & Writer | Ex. Technical Consultant Govt of CG | Influencer | Web developer
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