
UNITED NEWS OF ASIA. नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही सुनवाई के बीच शनिवार को दाऊदी बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात का मकसद वक्फ कानून में लाए गए बदलावों के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताना था। प्रतिनिधियों ने कहा कि यह उनकी वर्षों पुरानी मांग थी, जिसे केंद्र सरकार ने अब पूरा किया है।
सबका साथ, सबका विकास’ में जताया विश्वास
बोहरा समुदाय के प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री से कहा कि उन्हें उनके ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के दृष्टिकोण पर भरोसा है। प्रतिनिधियों ने इस दौरान मुंबई के भिंडी बाजार में वक्फ कानून से जुड़ी अपनी समस्याओं की कहानी भी साझा की।
PM मोदी बोले – 5 साल तक समझा वक्फ कानून, 1700 से ज़्यादा शिकायतें मिलीं
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने वक्फ कानून की जटिलताओं को गहराई से समझने में पांच साल लगाए। इस दौरान उन्हें मुस्लिम समुदाय, खासतौर पर महिलाओं से 1700 से ज्यादा शिकायतें मिलीं। उन्होंने कहा कि वक्फ संपत्तियों पर गरीबों के हक को छीना जा रहा था, जो बेहद पीड़ादायक था।
“यह कानून रातों-रात नहीं बना। यह वर्षों की चर्चा, सलाह और चिंतन का परिणाम है,” – पीएम मोदी
सैयदना साहब से लिया मार्गदर्शन
प्रधानमंत्री ने बताया कि जब उन्होंने वक्फ एक्ट पर विचार शुरू किया, तो सबसे पहले सैयदना साहब से मार्गदर्शन लिया। उन्होंने ड्राफ्टिंग से लेकर लीगल सलाह तक, हर कदम पर मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि यह सहयोग एक मजबूत और न्यायसंगत कानून निर्माण की नींव बना।
भिंडी बाजार की कहानी: जमीन खरीदी, 4 साल बाद बताया गया ‘वक्फ संपत्ति’
मुलाकात के दौरान एक प्रतिनिधि ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा कि 2015 में उन्होंने मुंबई के भिंडी बाजार में एक ज़मीन खरीदी, लेकिन 2019 में अचानक एक अनजान व्यक्ति ने आकर उसे वक्फ संपत्ति घोषित करवा दिया।
“वह एक छोटा सा हॉल था जहाँ लोग नमाज़ पढ़ते थे, लेकिन पूरे प्रोजेक्ट पर रोक लगा दी गई। मेहनत से खरीदी गई ज़मीन पर कोई और अधिकार जता गया,” – पीड़ित बोहरा प्रतिनिधि
उन्होंने मांग की कि ऐसे मामलों में कानून और स्पष्ट और पारदर्शी हो, ताकि बिना प्रमाण के कोई भी संपत्ति पर दावा न कर सके।
विवाद अब सुप्रीम कोर्ट में, 5 मई को अगली सुनवाई
वहीं दूसरी ओर, वक्फ कानून में संशोधन को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने केंद्र सरकार को 7 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि सुनवाई पूरी होने तक वक्फ संपत्तियों पर डिनोटिफिकेशन या नई नियुक्ति नहीं होगी।
क्लोजिंग स्टेटमेंट:
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान कि “जब गरीब से गरीब इंसान की दुआ मिलती है, तो उसका असर अनेक गुना बढ़ जाता है,” यह दर्शाता है कि सरकार वक्फ जैसी संवेदनशील व्यवस्था में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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