प्रधानमंत्री ने बचाव अभियान में शामिल योजना को सैल्यूट भी किया। उन्होंने कहा कि आप सभी वहां मरने से मुकाबला कर रहे थे। हमारी टीम ने शानदार काम किया है। तिरंगा लेकर आप जहां भी छायांकित हैं, वहां एक नुकसान मिल गया है कि भारत की टीमें अब यहां आ चुकी हैं और हमारी मदद होगी।
हाल में ही तुर्कीये में भूकंप के झटके आने का संकेत मिले थे। इसके बाद भीषण तबाही मची। भारत में ऑपरेशन मित्र के तहत एंडी रेक्रोश के तहत भेजा गया था और राहत और बचाव में मदद की थी। आज इस ऑपरेशन में शामिल होने की योजना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत के लिए मानवता सर्वोपरि है। आप सभी ने पूरी निष्ठा के साथ वहां काम किया है। उन्होंने कहा कि हमारे डॉग स्क्वायड के सदस्यों ने गजब का दम दिखाया। देश को आप पर गर्व है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ सिखाती है। हम पूरी दुनिया को एक परिवार मानते हैं। जब परिवार का कोई सदस्य परेशानी में हो तो उसकी मदद करना भारत का कर्तव्य है।
प्रधानमंत्री ने बचाव अभियान में शामिल योजना को सैल्यूट भी किया। उन्होंने कहा कि आप सभी वहां मरने से मुकाबला कर रहे थे। हमारी टीम ने शानदार काम किया है। तिरंगा लेकर आप जहां भी छायांकित हैं, वहां एक नुकसान मिल गया है कि भारत की टीमें अब यहां आ चुकी हैं और हमारी मदद होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी देश हो अगर मानवता की बात हो तो भारत मानव हित को सर्वोपरि रखता है। पूरी दुनिया ने देखा कि आप कैसे तुरंत वहां पहुंच गए। यह आपकी तैयारी और आपके प्रशिक्षण कौशल की व्यापकता है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हमारे एनडीआरएफ के सील्स में 10 दिनों तक जिस तरह से काम किया है वह काबिले उम्मीद है।
मोदी ने कहा कि मैंने प्राकृतिक आपदा के साथ आने वाली स्थिति देखी है और मेरा पहला अनुभव 2001 में गुजरात भूकंप के दौरान हुआ था। भुज में पूरा अस्पताल बनाया गया था और इस तरह बचाव और राहत का काम किया गया था। उन्होंने कहा कि 1979 में भी जब मोरबी बांध टूटा था तो मोरबी शहर में बाढ़ आ गई थी। मैं वहां एक स्वयंसेवक के रूप में मौजूद था और महीनों तक राहत और बचाव में काम करता रहा। तुर्की में बचाव और राहत मिशन के दौरान आप सभी ने जो कड़ी मेहनत और स्पष्टीकरण दिखाया है, उसकी मैं कल्पना कर सकता हूं। जब कोई अपनी मदद खुद कर सकता है तो हम उसे आत्मनिर्भरता कहते हैं। लेकिन जब स्वेच्छा से मदद की पेशकश की जाती है तो यह निःस्वार्थ होती है। पिछले कुछ वर्षों में भारत न केवल आत्मनिर्भर बना है बल्कि स्वयं को एक निःस्वार्थ राष्ट्र के रूप में भी स्थापित किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऑपरेशन गंगा आत्मनिर्भरता का एक उदाहरण है क्योंकि हम अपने छात्रों के साथ-साथ अन्य विदेशी नागरिकों को भी बचाने में सक्षम थे। अस्पष्ट स्थिति में भी अफगानिस्तान से लोग बच सकते हैं और अपने नागरिकों को सुरक्षित घर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एंडी संक्षेप देशों के लोग इस पर टिके रहने में सफल रहे हैं। चक्राकार हो, बाढ़ हो, या भूकंप हो, आप सभी को संकट में आशा और विश्वास की एक किरण के रूप में देखा जाता है और एनडीआरएफ के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं एंडी ब्रॉडबैंड के प्रयासों का सहयोग करता हूं और देश आपके तैयारियों के प्रति प्रतिफल है। लेकिन मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप बहुत अधिक पर ही न रुकें और अपनी क्षमता को बनाए रखें ताकि एनडीआरएफ दुनिया की सबसे अच्छी बचाव और राहत टीम बने।
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