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PM मोदी ने रायपुर की ‘पुचका गर्ल’ के आइडिया को सराहा, गोलगप्पे का कैफे बनी सफलता की मिसाल

UNITED NEWS OF ASIA. रायपुर। छत्तीसगढ़ की ईशा पटेल ने अपनी मेहनत और समर्पण से न केवल एक सफल स्टार्टअप शुरू किया, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सराहना प्राप्त की। पीएम मोदी ने मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एक बैठक के दौरान ईशा का यूनिक स्टार्टअप आइडिया देखा और सराहा। ईशा ने हाल ही में रायपुर में “हाउस ऑफ पुचका” नाम से गोलगप्पे का कैफे खोला है, जिसे ग्राहकों का बेहतरीन रिस्पॉन्स मिल रहा है।

लाखों के पैकेज को छोड़कर स्टार्टअप की ओर बढ़ीं ईशा

ईशा पटेल, जिन्होंने बैचलर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की पढ़ाई की है, मुंबई की एक कंपनी में 6 लाख रुपए सालाना के पैकेज पर काम कर रही थीं। लेकिन कॉर्पोरेट जगत से थक चुकी 23 वर्षीय ईशा ने खुद का व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। उन्होंने दोस्तों और परिवार से मिले समर्थन से 6 लाख रुपए का मुद्रा लोन लिया और “हाउस ऑफ पुचका” की शुरुआत की।

फंडिंग एजेंसियों का शक, रिसर्च से मिला समाधान

ईशा बताती हैं कि जब उन्होंने लोन लेने के बारे में सोचा तो बैंक और फंडिंग एजेंसियों ने उन्हें लोन देने में संकोच किया। उनकी उम्र और कारोबार के मॉडल को लेकर एजेंसियां विश्वास नहीं जता रही थीं। लेकिन उन्होंने सरकारी योजनाओं के बारे में रिसर्च किया और मुद्रा लोन की मदद से अपना स्टार्टअप शुरू किया।

रिस्क लेकर किया बड़ा कदम

ईशा ने बताया कि एक अच्छी सैलरी छोड़कर खुद का व्यवसाय शुरू करना निश्चित रूप से जोखिम था। लेकिन उन्होंने प्रॉपर रिसर्च और दोस्तों से विचार-विमर्श किया, जिससे उन्हें गोलगप्पे के बिजनेस में प्रॉफिट जनरेट करने का तरीका समझ में आया। आज उनके कैफे का रिस्पॉन्स शानदार है और ग्राहक उनकी सेवाओं से संतुष्ट हैं।

अहमदाबाद से मशीनें मंगवाकर गोलगप्पे सर्व करते हैं

“हाउस ऑफ पुचका” में ईशा 5 तरह के चटपटे पानी के साथ गोलगप्पे सर्व करती हैं। कोलकाता वाला पानी ग्राहकों में काफी लोकप्रिय है। ईशा ने अपने स्टार्टअप के लिए अहमदाबाद से हाइजीनिक गोलगप्पे बनाने की मशीनें मंगवाई हैं। उनका परिवार रायपुर के खमतराई में रहता है, जहां उनके पिता नवीन पटेल बिजनेसमैन और मां रश्मि होममेकर हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का प्रेरणा और मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना के 10 साल पूरे होने पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया। उन्होंने युवाओं को स्टार्टअप के लिए प्रेरित करते हुए बताया कि मुद्रा लोन के जरिए वे अपना व्यवसाय शुरू कर सकते हैं। शुरू में इस योजना के तहत 50,000 से लेकर 5 लाख तक का लोन उपलब्ध था, अब इसे बढ़ाकर 20 लाख रुपए तक कर दिया गया है।

स्टार्टअप शुरू करने के लिए आसानी से लोन उपलब्ध

2015 में शुरू हुई मुद्रा योजना का उद्देश्य छोटे कारोबारियों को बिना किसी गारंटी के लोन मुहैया कराना था। अब तक इस योजना के तहत 52 करोड़ लोन वितरित किए गए हैं। इसके तहत कोई भी व्यक्ति अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए लोन ले सकता है, और इसके लिए कोई प्रोसेसिंग चार्ज भी नहीं लिया जाता।

मुसीबतों के बावजूद सफलता की ओर बढ़ते हुए ईशा ने साबित कर दिया कि रिसर्च और मेहनत से हर लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

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