छत्तीसगढ़

बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं की बदल रही है तस्वीर, 130 स्वास्थ्य संस्थानों को मिला राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन

6,816 हितग्राहियों को 8.22 करोड़ की स्वास्थ्य सहायता

UNITED NEWS OF ASIA. अमृतेश्वर सिंह, रायपुर । छत्तीसगढ़ का बस्तर संभाग, जो एक समय स्वास्थ्य सेवाओं की दृष्टि से बेहद पिछड़ा और नक्सल प्रभावित क्षेत्र माना जाता था, अब नई तस्वीर गढ़ रहा है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और सुशासन की परिकल्पना में बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे हैं, वे न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन को आसान बना रहे हैं बल्कि देश भर के लिए एक प्रेरणा भी बन रहे हैं।

राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन में बस्तर की ऐतिहासिक उपलब्धि

1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 तक केवल बस्तर संभाग में 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) के अंतर्गत प्रमाणन मिला है, जिसमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप-स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसके अलावा 65 अन्य संस्थाएं प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में हैं। नक्सल प्रभावित कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जिलों के 14 संस्थानों को भी गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्राप्त हुआ है, जो इन इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति शासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

नियद नेल्ला नार योजना का असर

बस्तर में नियद नेल्ला नार योजना के तहत स्वास्थ्य बीमा कवरेज में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। अब तक संभाग में 36,231 आयुष्मान कार्ड बनाए गए हैं, जिससे कुल कवरेज 52.6% तक पहुंच चुका है। इस योजना के अंतर्गत 6,816 लाभार्थियों को ₹8.22 करोड़ की चिकित्सा सहायता प्रदान की जा चुकी है।

450 से अधिक स्टाफ की नियुक्ति, 291 पदों पर भर्ती जारी

पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में 33 विशेषज्ञ डॉक्टर, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन सहित कुल 450 से अधिक चिकित्सा स्टाफ की नियुक्ति की गई है। इसके अतिरिक्त 75 राज्य स्तरीय और 307 जिला स्तरीय पदों पर नियुक्तियाँ पूरी हो चुकी हैं, जबकि 291 पदों पर भर्ती प्रक्रिया प्रगति पर है।

स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल का बस्तर दौरा

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल 5 से 7 अगस्त 2025 तक बस्तर संभाग के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों, बीजापुर व सुकमा के सुदूर ग्रामीण इलाकों का दौरा करेंगे। वे मलेरिया मुक्त अभियान की समीक्षा, स्वास्थ्य संस्थानों का निरीक्षण तथा विभागीय बैठकों के माध्यम से ज़मीनी हालात का मूल्यांकन करेंगे।

मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान में भी सफलता

स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि मलेरिया मुक्त अभियान के तहत घर-घर जाकर परीक्षण, त्वरित उपचार और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया है। बस्तर अब स्वास्थ्य क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो रहा है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश: बस्तर रहेगा फोकस में

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि “बस्तर हमारे लिए सिर्फ एक संभाग नहीं, एक संकल्प है। मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और विभागीय कर्मचारियों की निष्ठा से आज वह संभव हुआ है, जो कभी असंभव माना जाता था।” उन्होंने यह भी दोहराया कि बस्तर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य निरंतर जारी रहेगा।

बस्तर में हो रहा यह परिवर्तन सिद्ध करता है कि जब नेतृत्व दृढ़ हो, योजनाएं व्यवहारिक हों और प्रशासनिक अमला समर्पित हो, तब देश का कोई भी कोना—चाहे वह कितना ही दुर्गम या नक्सल प्रभावित क्यों न हो—विकास की नई कहानी लिख सकता है। बस्तर अब असुविधा की नहीं, स्वास्थ्य, सशक्तिकरण और सुशासन की पहचान बनता जा रहा है।

 


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