एनर्जी इंडिया कॉन्क्लेव: एनर्जी के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए दिल्ली (दिल्ली) में 2 दिवसीय ‘एनर्जी इंडिया कॉन्क्लेव’ का आयोजन हुआ। इस अवसर पर ‘द वर्ल्ड ऑफ लिक्वि समान गैस-मार्केट्स, प्राइसिंग स्ट्रैटेजीज, अकाउंट्स एंड नेगोशिएशन्स एंड न्यू मार्केट पैराडाइम’ नामक पुस्तक का विमोचन हुआ। दरअसल हर साल 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस (राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस) मनाया जाता है। इस खास दिन को सेलिब्रेट करने की वजह से देश में ऊर्जा संरक्षण के लिए लोगों को जागरूक करना है।
देश में विद्युत के क्षेत्र में सीमांकन की ओर से विजन 2070 प्रस्तुत किया गया। इसमें इस बात पर चर्चा हुई कि भारत को 2070 तक ऊर्जा के क्षेत्र में किस तरह से आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। अभी भारत के पेट्रोलियम पदार्थों से ही उत्पादित ऊर्जा पर अधिक निर्भर है, जिन्हें विदेश से आयात किया जाता है। प्रोजेक्टाइल ऊर्जा की वजह से प्रदूषण का स्तर भी लगातार बढ़ रहा है। इसी वजह से सरकार अब क्लीन एनर्जी के लिए वैकल्पिक ऊर्जा पर ध्यान दे रही है।
ऊर्जा सुरक्षा पर सभी ने अपनी बात रखी
इस भव्य कार्यक्रम के अवसरों पर भाषण देने के दौरान FI के निदेशक टी.के. सेन गुप्ता, जीओएल के सदस्य ए.के. टायर, पूर्व सीएमडी ओएनजीसी लिमिटेड और असमंजस के खाते डॉ। डी.के. सर्राफ, गेल इंडिया लिमिटेड के पूर्व सीएमडी बी.सी. त्रिपाठी, कारमाइन एनर्जी पीटीई के निदेशक और अध्यक्ष डॉ. ए.के. बालियान, रायस्तद एनर्जी के आउटलेट प्रेसिड अमृत वैद्यनाथ, एक्सान मोबाइल के सीईओ मोंटे डॉब्सन, मेट्रोपॉलिटन गैस के पूर्व एमडी राजीव माथुर और सीईओ सूर्य शंकर भी मौजूद थे। इन सभी विकल्पों ने ऊर्जा सुरक्षा, सामर्थ्य और स्थिरता के लिए वैकल्पिक के साथ मजबूत ऊर्जा मिश्रण पर जोर दिया।
‘नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है’
इंडिया एनर्जी कॉन्ट्रेक्ट (आईईसी) 2022 में बोलने के साथ-साथ उच्च ऊर्जा पेशेवरों ने कहा कि भारत सहित दूसरे देशों और पंजीकृत ने महसूस किया है कि वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति में जापानीय ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है . इस अवसर पर रविशंकर सुदर्शन और राजीव माथुर की लिखी ‘द वर्ल्ड ऑफ लिक्वि इंटिग्रेटेड गैस-मार्केटट्रेट्स, प्राइसिंग स्ट्रैटेजीज, एटीज एंड नेगोशिएशन्स एंड न्यू मार्केट पैराडाइम’ नाम से बुक का अनावरण हुआ।
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