धार्मिक उत्पीड़न के मामलों की खबरें देश के कई हिस्सों से आए दिन रहती हैं। ताजा मामला छत्तीसगढ़ का है। यहां एक धर्म विशेष के 60 लोगों ने धार्मिक उत्पीडऩ का आरोप लगाया है। छत्तीसगढ़ के 14 गांवों में फैले इस समुदाय के लोगों ने सुनियोजित हमले के बाद सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं।
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में कम से कम 14 ऐसे गांव हैं, जहां के ईसाई समुदाय के लोगों ने कथित रूप से सुनियोजित हमलों के बाद अपने इलाके के स्टेडियम और चर्च में शरण ली है। नारायणपुर क्रिश्चियन समुदाय के इन व्यापक ने 16 दिसंबर को अपने क्षेत्र के एक स्टेडियम और चर्च में शरण ली है।
दरअसल, नारायणपुर जिला आदिवासी बाहुल्य बस्तर क्षेत्र में आता है। इन दावों के कारण इस सप्ताह जिला प्रशासन से लिखित रूप में शिकायत की गई थी। इसमें उन्होंने अपने दर्द को बयां किया था कि किस तरह के अज्ञात हमलावरों ने लगभग 60 सटीक निशाना बनाया। उनमें से कुछ को ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के कारण उनके घरों से जबरन निकाल दिया गया। नारायणपुर जिले में ईसाई समुदाय के लोगों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नारायणपुर कलेक्टर के सामने धरना प्रदर्शन भी किया।
इस संबंध में नारायणपुर क्रिश्चियन सोसाइटी के अध्यक्ष सुखमन पोटाई ने आरोप लगाया कि ईसाई समुदाय के दावों पर हिंसा करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने के बजाय प्रशासन ने उन्हें कहीं और स्थानांतरित कर दिया होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बस्तर आईजीपी पी. सुंदरराज ने कहा कि पुलिस पीड़ित के संपर्क में है। बस्तर आईजीपी ने कहा, ‘नारायणपुर जिला पुलिस और स्थानीय प्रशासन इस मुद्दे को हल करने, क्षेत्र में शांति और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए उचित कार्रवाई कर रहे हैं। किसी भी प्राचीन घटना को रोकने के लिए गांव की झलक और संकेतों को विश्वास में लिया जा रहा है।’